Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2023 · 1 min read

बेशक नहीं आता मुझे मागने का

बेशक नहीं आता मुझे मागने का
सलीका ….
पर तू तो इंसान की शह रग से भी ज्यादा
करीब है……
तू जानता है मेरे रब देने का तरीक़ा
कहीं देता है हिसाब से
और कहीं बेहिसाब दे देता है
जिसको चाहे जिल्लत देता है
और जिसको चाहे इज़्ज़त बख़्श देता है
तेरी कुदरत के हम है कुर्बान
तेरी जात है अफजल औ आला
तेरी कोई नहीं मिसाल
तेरा कोई नहीं जवाब ………..
रखना हमे नेकी की राह प़र
ताकि हो हमारे सारे गुनाह मुआफ

1 Like · 3 Comments · 360 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from shabina. Naaz
View all
You may also like:
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
नेताम आर सी
मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
VINOD KUMAR CHAUHAN
लाइलाज़
लाइलाज़
Seema 'Tu hai na'
यादों से दिल बहलाना हुआ
यादों से दिल बहलाना हुआ
N.ksahu0007@writer
बस्ता
बस्ता
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-163💐
💐प्रेम कौतुक-163💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
Ram Krishan Rastogi
हर चेहरा है खूबसूरत
हर चेहरा है खूबसूरत
Surinder blackpen
*थोड़ा गुस्सा तो चलेगा, किंतु अति अच्छी नहीं (मुक्तक)*
*थोड़ा गुस्सा तो चलेगा, किंतु अति अच्छी नहीं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ऋतुराज बसंत
ऋतुराज बसंत
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
"याद आओगे"
Ajit Kumar "Karn"
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
Gairo ko sawarne me khuch aise
Gairo ko sawarne me khuch aise
Sakshi Tripathi
Writing Challenge- वर्तमान (Present)
Writing Challenge- वर्तमान (Present)
Sahityapedia
'कई बार प्रेम क्यों ?'
'कई बार प्रेम क्यों ?'
Godambari Negi
नर नारी संवाद
नर नारी संवाद
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दो दिन का प्यार था छोरी , दो दिन में ख़त्म हो गया |
दो दिन का प्यार था छोरी , दो दिन में ख़त्म हो गया |
The_dk_poetry
जब जब तुम्हे भुलाया
जब जब तुम्हे भुलाया
Bodhisatva kastooriya
बोझ लफ़्ज़ों के दिल पे होते हैं
बोझ लफ़्ज़ों के दिल पे होते हैं
Dr fauzia Naseem shad
बिहार में दलित–पिछड़ा के बीच विरोध-अंतर्विरोध की एक पड़ताल : DR. MUSAFIR BAITHA
बिहार में दलित–पिछड़ा के बीच विरोध-अंतर्विरोध की एक पड़ताल : DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
गिरते-गिरते - डी के निवातिया
गिरते-गिरते - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
पुस्तक -कैवल्य की परिचयात्मक समीक्षा
पुस्तक -कैवल्य की परिचयात्मक समीक्षा
Rashmi Sanjay
आशिकी
आशिकी
साहिल
जीतने की उम्मीद
जीतने की उम्मीद
AMRESH KUMAR VERMA
निद्रा
निद्रा
Vikas Sharma'Shivaaya'
जगाओ हिम्मत और विश्वास तुम
जगाओ हिम्मत और विश्वास तुम
gurudeenverma198
'गुमान' हिंदी ग़ज़ल
'गुमान' हिंदी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
भिनसार हो गया
भिनसार हो गया
Satish Srijan
"दोस्ती के लम्हे"
Ekta chitrangini
Loading...