Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2016 · 1 min read

बेला फूल पर गीत

बेला रानी रात को महके ,
भँवरें झूमे चुपके चुपके !
भीनी भीनी खुशबू घर में ,
खुशी मनाये बच्चे सबके !!
सतरँगी तितली फूलों पर ,
फुर्र फुर्र मँडराती है !
बागों में कोयल रानी भी ,
गीत खुशी के गाती है !!
रजनीगंधा से मिलने को
सर्पराज जब आते हैं !
मम्मी पापा देखो देखो ,
हम सब फिर छुप जाते है !!
फूल इकट्ठा कर बेला के ,
गजरा हार बनाते है !
रामू श्यामू शीता गीता ,
मिलजुल त्योहार मनाते है !!

Language: Hindi
Tag: गीत
384 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
मेरी सोच मेरे तू l
मेरी सोच मेरे तू l
सेजल गोस्वामी
आरजू
आरजू
Anamika Singh
गोपी-विरह
गोपी-विरह
Shekhar Chandra Mitra
घास को बिछौना बना कर तो देखो
घास को बिछौना बना कर तो देखो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
“ हमर महिसक जन्म दिन पर आशीर्वाद दियोनि ”
“ हमर महिसक जन्म दिन पर आशीर्वाद दियोनि ”
DrLakshman Jha Parimal
*शाकाहार (कुछ दोहे )*
*शाकाहार (कुछ दोहे )*
Ravi Prakash
दहन अगर करना ही है तो
दहन अगर करना ही है तो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बाबा केदारनाथ जी
बाबा केदारनाथ जी
Bodhisatva kastooriya
✍️बोन्साई✍️
✍️बोन्साई✍️
'अशांत' शेखर
🌺🌻प्रेमस्य आनन्द: प्रतिक्षणं वर्धमानम्🌻🌺
🌺🌻प्रेमस्य आनन्द: प्रतिक्षणं वर्धमानम्🌻🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
Shakil Alam
भारत की है शान तिरंगा
भारत की है शान तिरंगा
surenderpal vaidya
राजनीति का नाटक
राजनीति का नाटक
Shyam Sundar Subramanian
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
Writer_ermkumar
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
शिवरात्रि
शिवरात्रि
ऋचा पाठक पंत
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
चिड़िया
चिड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"वट वृक्ष है पिता"
Sarthi chitrangini
बनारस की गलियों की शाम हो तुम।
बनारस की गलियों की शाम हो तुम।
Gouri tiwari
नजरअंदाज करना तो उनकी फितरत थी----
नजरअंदाज करना तो उनकी फितरत थी----
सुनील कुमार
जब स्वार्थ अदब का कंबल ओढ़ कर आता है तो उसमें प्रेम की गरमाह
जब स्वार्थ अदब का कंबल ओढ़ कर आता है तो उसमें प्रेम की गरमाह
Lokesh Singh
मैं चाहता हूँ अब
मैं चाहता हूँ अब
gurudeenverma198
"Radiance of Purity"
Manisha Manjari
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार...
आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
गुरूर चाँद का
गुरूर चाँद का
Satish Srijan
जिसके हिस्से में
जिसके हिस्से में
Dr fauzia Naseem shad
भ्रूणहत्या
भ्रूणहत्या
Neeraj Agarwal
🌿⚘️प्राचीन  मंदिर (मड़) ककरुआ⚘️🌿
🌿⚘️प्राचीन मंदिर (मड़) ककरुआ⚘️🌿
Ms.Ankit Halke jha
Loading...