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5 May 2022 · 1 min read

बेपनाह गम था।

चेहरा तुम्हारा क्यों अश्कों से नम था।
नजरों में तुम्हारी क्यों बेपनाह गम था।।

तुम्हारी सिसकारियां मैने भी सुनी थी।
आंसुओ में तुम्हारे शोला और शबनम था।।

✍✍ताज मोहम्मद✍✍

Language: Hindi
Tag: शेर
262 Views
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