Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2022 · 1 min read

बेदम हुए है हम।

बेदम हुए है हम और जां भी लबों पर बन आई हैं।
तसव्वुर में मिलन है पर हकीकत में मिली जुदाई है।।1।।

इक तुम्हारे ही कारण हमने सबसे ली बुराई है।
बरबादी का आलम है ये जिन्दगी भी हुई शैदाई है।।2।।

कभी सोचा ना था इश्क हमें यूं रुसवा करेगा।
तुम्हें ना पता चाहने की क्या कीमत हमनें चुकाई है।।3।।

मोहब्बत का फलसफा अब समझ में आया है।
खुशी की तलाश में थी ज़िंदगी हमारी हज़ार गम पाई है।।4।।

सूखे दरख़्त से हुए है अपने ही गुलशन में बागबां से।
तमाशा बनी ज़िंदगी अपने ही रिश्ते हुए तमाशाई है।।5।।

तुमने की बेवफाई तुम्हारी हर शाम ही महफिल है।
तमाम उम्र हम करते रहे वफा पर हमें मिली तन्हाई है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

61 Views
You may also like:
7…अमृत ध्वनि छन्द
7…अमृत ध्वनि छन्द
Rambali Mishra
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
सफर में उनके कदम चाहते है।
सफर में उनके कदम चाहते है।
Taj Mohammad
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
Ram Babu Mandal
महक कहां बचती है
महक कहां बचती है
Surinder blackpen
पंचैती
पंचैती
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
भूख
भूख
श्री रमण 'श्रीपद्'
चाह
चाह
जय लगन कुमार हैप्पी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रूठी बीवी को मनाने चले हो
रूठी बीवी को मनाने चले हो
Prem Farrukhabadi
*पाप की गठरी  (कहानी )*
*पाप की गठरी (कहानी )*
Ravi Prakash
'मेरे बिना'
'मेरे बिना'
नेहा आज़ाद
भगतसिंह
भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
ईमान से बसर
ईमान से बसर
Satish Srijan
साढ़े सोलह कदम
साढ़े सोलह कदम
सिद्धार्थ गोरखपुरी
खिल जाए अगर कोई फूल चमन मे
खिल जाए अगर कोई फूल चमन मे
shabina. Naaz
✍️वो सब अपने थे...
✍️वो सब अपने थे...
'अशांत' शेखर
हम भूल गए सच में, संस्कृति को
हम भूल गए सच में, संस्कृति को
gurudeenverma198
कविता: सपना
कविता: सपना
Rajesh Kumar Arjun
चाय सिर्फ चीनी और चायपत्ती का मेल नहीं
चाय सिर्फ चीनी और चायपत्ती का मेल नहीं
Charu Mitra
एक पत्नि की पाती पति के नाम
एक पत्नि की पाती पति के नाम
Ram Krishan Rastogi
दो शरारती गुड़िया
दो शरारती गुड़िया
Prabhudayal Raniwal
अब अरमान दिल में है
अब अरमान दिल में है
कवि दीपक बवेजा
शिकवा, गिला ,शिकायतें
शिकवा, गिला ,शिकायतें
Dr fauzia Naseem shad
पिता
पिता
Mukesh Jeevanand
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-508💐
💐प्रेम कौतुक-508💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी एक ख़्वाब सी
जिंदगी एक ख़्वाब सी
डॉ. शिव लहरी
■ लघुकथा / लेनदार
■ लघुकथा / लेनदार
*Author प्रणय प्रभात*
छठ महापर्व
छठ महापर्व
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...