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18 Aug 2024 · 1 min read

बेटी

बात हंसकर कभी गैरत की ना टालो बेटी।
अब दरिंदो के लिए खुद को संभालो बेटी।
❤️
पाक दामन को बचाने के लिए खुद ही उठो।
फब्तियों वाली ज़ुबां काट ही डालो बेटी।
❤️
भेड़िए भूखे नज़र आते हैं वहशत वाले।
इनसे निमटो की अब हथियार उठा लो बेटी।
❤️
तुम ही दस्तार हो, मां बाप की गै़रत तुम हो।
फातिमा ज़हरा के किरदार में ढालो बेटी।
❤️
अब चमन में कोई तितली का कहीं पर नोचे।
मौत का उसके फिर फरमान बना लो बेटी।
❤️
नस्ल दर नस्ल हया की तेरे कसमें खाएं।
ऐसे किरदार से दामन को सजा लो बेटी।
❤️
बेटियां अब किसी मैदान में पीछे भी नहीं।
“सगीर” बेटों की तरह शान से पालो बेटी।*

Language: Hindi
98 Views
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