Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2016 · 1 min read

बेटी (शायरी)

देवालय में बजते शंख की ध्वनि है बेटी,
देवताओं के हवन यज्ञ की अग्नि है बेटी।
खुशनसीब हैं वो जिनके आँगन में है बेटी,
जग की तमाम खुशियों की जननी है बेटी।।

********************************************

बड़े नसीब वालों के घर जन्म लेती है बेटी,
घर आँगन को खुशियों से भर देती है बेटी।
बस थोड़ा सा प्यार और दुलार चाहिए इसे,
थोड़ी संभाल में लहलहाए वो खेती है बेटी।।

*********************************************

फूलों सी कोमल हृदय वाली होती हैं बेटियाँ,
माँ बाप की एक आह पर ही रोती हैं बेटियाँ।
भाई के प्रेम में खुद को भुला देती हैं अक्सर,
फिर भी आज गर्भ में जान खोती हैं बेटियाँ।।

©® डॉ सुलक्षणा अहलावत

Language: Hindi
Tag: शेर
5 Likes · 13 Comments · 48914 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from डॉ सुलक्षणा अहलावत
View all
You may also like:
भूल जा - डी के निवातिया
भूल जा - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Sanjay ' शून्य'
✍️छांव और धुप✍️
✍️छांव और धुप✍️
'अशांत' शेखर
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
Neelam Sharma
🐾🐾अपने नक़्शे पा पर तुम्हें खोज रहा हूँ🐾🐾
🐾🐾अपने नक़्शे पा पर तुम्हें खोज रहा हूँ🐾🐾
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
51-   प्रलय में भी…
51- प्रलय में भी…
Rambali Mishra
क्या देखें हम...
क्या देखें हम...
सूर्यकांत द्विवेदी
आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइ
आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइ
संजीव शुक्ल 'सचिन'
तो क्या हुआ
तो क्या हुआ
Faza Saaz
मन की दुनिया अजब निराली
मन की दुनिया अजब निराली
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
!! दूर रहकर भी !!
!! दूर रहकर भी !!
Chunnu Lal Gupta
जरा सी गलतफहमी पर
जरा सी गलतफहमी पर
Vishal babu (vishu)
- मेरे अपनो ने किया मेरा जीवन हलाहल -
- मेरे अपनो ने किया मेरा जीवन हलाहल -
bharat gehlot
पत्नी रुष्ट है
पत्नी रुष्ट है
Satish Srijan
वादा तो किया था
वादा तो किया था
Ranjana Verma
■ सबको पता है...
■ सबको पता है...
*Author प्रणय प्रभात*
*शून्य में विराजी हुई (घनाक्षरी)*
*शून्य में विराजी हुई (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
किसी ने सही ही कहा है कि आप जितनी आगे वाले कि इज्ज़त करोंगे व
किसी ने सही ही कहा है कि आप जितनी आगे वाले कि इज्ज़त करोंगे व
Shankar S aanjna
मनुज जन्म का गीत है गीता, गीता जीवन का सार है
मनुज जन्म का गीत है गीता, गीता जीवन का सार है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आंखें मेरी तो नम हो गई है
आंखें मेरी तो नम हो गई है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
फिक्र ना है किसी में।
फिक्र ना है किसी में।
Taj Mohammad
ज़िंदगी पर लिखे अशआर
ज़िंदगी पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
"মিত্র"
DrLakshman Jha Parimal
हमारे पापा
हमारे पापा
Anamika Singh
संसद की दिशा
संसद की दिशा
Shekhar Chandra Mitra
2325.पूर्णिका
2325.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कलम की ताकत
कलम की ताकत
Seema gupta,Alwar
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
# हमको नेता अब नवल मिले .....
# हमको नेता अब नवल मिले .....
Chinta netam " मन "
Loading...