** बेटी की बिदाई का दर्द **

चारों तरफ ख़ामोशी थी छाई
हो रही थी बेटी की बिदाई…!
हर चहेरा था गमगीन,
दर्द में था तड़पता दिल, उदासी थी छाई..!!
आँखोमें सागर था उभरा, उठी थी लहरें,
बह रही थी अँखियाँ हो रही थी बेटी की बिदाई…!
लब थे चुप मन था बेचैन दिल में थी हलचल
लगता था ऐसे जैसे खुशियाँ सारी
निगल गया वेदना से भरा सागर कोई …!!
कदम रुक गए, आँखे थम गई,
बिन कहे कितना दर्द बता रही…
आखिर क्यों होती है बेटी की बिदाई…!!
मौजूद सभी की हालत ही इतनी ख़राब हो गई
जैसे अनमोल रत्न खो गया कोई..!!
मुड़मुड़कर जहन में आता एक ही ख्याल
सह नहीं पाते बेटी से बिछड़ने का गम
फिर भी… आखिर क्यों. ……और क्युं
करते हैं बेटी को बिदाई…!!!!!