Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2016 · 1 min read

बेटी आ रही है आज

जब से सुना है पापा ने
कि बेटी आ रही है आज,
खुशी आँखों में समायी है
उमंग ह्रदय में छायी है,
लगे हैं तैयारी में
पसंद का सामान जुटाने में ,
वो इतने खुश नजर आएँ
खशी ह्रदय में न समा पाए,
आँखों से छलक जाए
होठों पर उतर आए ,
वो यादें ताजा करते हैं
बेटी की बातें बतातें हैं ,
वो गाड़ी आने से पहले ही
स्टेशन पहुँच जाते है,
कितनी देर है आने में
बस ये ही बाट जोहते हैं ,
बेटी की प्रतीक्षा का
पल पल भारी लगता है,
गाड़ी विलंब होने पर
समय मुश्किल से कटता है,
खुशी का नहीं ठिकाना है
जब बिटिया को देखा है,
सिर पर हाथ फिरा करके
ह्रदय से लगाया है,
कितने दिनों में आयी हो
प्रश्न ये ही उठाया है,
कितनी कमजोर हो गयी हो
ध्यान अपना नहीं रखती हो,
चलो घर अब जल्दी से
माँ राह देखती है,
तुम्हारे स्वागत में वो
पलकें बिछाए बैठी है,
तुम्हारी पसंद के खाने से
रसोई आज सजायी है,
बड़ी ममताट से उसने आज
चीजें सब बनायी हैं ।
बेटी आज बहुत दिनों में
माँ के घर आयी है ,
पति की इजाजत लेकर वो
पिता से मिलने आयी है ,
बेटी आज बहुत दिनों में
माँ के घर आयी है ।
बेटी आज बहुत दिनों में
माँ के घर आयी है ।

डॉ रीता
28/9/16
आया नगर,नई दिल्ली ।

Language: Hindi
449 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
Maa pe likhne wale bhi hai
Maa pe likhne wale bhi hai
Ankita Patel
2503.पूर्णिका
2503.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
एक एहसास
एक एहसास
Dr fauzia Naseem shad
स्वयं द्वारा किए कर्म यदि बच्चों के लिए बाधा बनें और  गृह स्
स्वयं द्वारा किए कर्म यदि बच्चों के लिए बाधा बनें और गृह स्
Sanjay ' शून्य'
राष्ट्रीय युवा दिवस
राष्ट्रीय युवा दिवस
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*फँसे मँझधार में नौका, प्रभो अवतार बन जाना 【हिंदी गजल/ गीतिक
*फँसे मँझधार में नौका, प्रभो अवतार बन जाना 【हिंदी गजल/ गीतिक
Ravi Prakash
उनसे  बिछड़ कर
उनसे बिछड़ कर
श्याम सिंह बिष्ट
"सृष्टि निहित माँ शब्द में,
*Author प्रणय प्रभात*
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
“ पगडंडी का बालक ”
“ पगडंडी का बालक ”
DESH RAJ
जैसे एकसे दिखने वाले नमक और चीनी का स्वाद अलग अलग होता है...
जैसे एकसे दिखने वाले नमक और चीनी का स्वाद अलग अलग होता है...
Radhakishan R. Mundhra
शिशिर ऋतु-१
शिशिर ऋतु-१
Vishnu Prasad 'panchotiya'
Radiance
Radiance
Dhriti Mishra
-पहले आत्मसम्मान फिर सबका सम्मान
-पहले आत्मसम्मान फिर सबका सम्मान
Seema gupta,Alwar
मां
मां
Monika Verma
साथ हो एक मगर खूबसूरत तो
साथ हो एक मगर खूबसूरत तो
ओनिका सेतिया 'अनु '
*
*"याचना"*
Shashi kala vyas
खातिरदारि मे
खातिरदारि मे
AJAY PRASAD
” READING IS ESSENTIAL FOR KNOWLEDGE “
” READING IS ESSENTIAL FOR KNOWLEDGE “
DrLakshman Jha Parimal
पति
पति
लक्ष्मी सिंह
Daily Writing Challenge : कला
Daily Writing Challenge : कला
'अशांत' शेखर
नवनिर्माण
नवनिर्माण
विनोद सिल्ला
ये किस धर्म के लोग हैं
ये किस धर्म के लोग हैं
gurudeenverma198
उफ़ ये अदा
उफ़ ये अदा
Surinder blackpen
एक महान सती थी “पद्मिनी”
एक महान सती थी “पद्मिनी”
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
💐प्रेम कौतुक-452💐
💐प्रेम कौतुक-452💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दिला दअ हो अजदिया
दिला दअ हो अजदिया
Shekhar Chandra Mitra
पौष की सर्दी/
पौष की सर्दी/
जगदीश शर्मा सहज
इश्क
इश्क
goutam shaw
Loading...