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25 Sep 2022 · 1 min read

बेटियाँ

फूल हैं बेटियाँ बाग हैं बेटियाँ।
नेह संगीत का राग हैं बेटियाँ।।
सृष्टि की सर्जना का यही मूल हैं।
शक्ति का पुंज हैं आग हैं बेटियाँ।।
✍️ शैलेन्द्र ‘असीम’

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 80 Views
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