Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2017 · 2 min read

बेटियाँ तो बाबुल की रानियाँ हैं

मन का मृदंग हैं, भाव हैं, तरंग हैं, कल्पनाओं की पतंग हैं
निर्झर, निर्मल, नेह भरी, ये वात्स्ल्य पूर्ण रवानियाँ हैं
फिर भी बोलो आखिर क्यों ये, सबकी पहली परेशानियाँ हैं
कहने का न जिनको हक़ है, ये वो अधूरी कहानियाँ हैं

कहने को ही शायद बेटियाँ तो बाबुल की रानियाँ हैं

मीठा-मीठा दर्द इन्हीं से, मौसम घर का सर्द इन्हीं से
जब होता है मर्द इन्हीं से, फिर भी जाने अक्सर ही क्यों
ममतामयी मनोहारी बेटियाँ, कलमुँही, कुलद्रोही, कमतर
कमपोषित, बहुशोषित, कम आँकी गई जो, क्रमवार कुर्बानियाँ हैं

कहने को ही शायद …

पूर्व जन्म ही मार दिया कभी, पराई कह तिरस्कार किया कभी
बोझ समझ बहिष्कार किया कभी, जुए में भी हार दिया कभी
कुलच्छनी कह अस्वीकार किया कभी, बलात्कार उपहार दिया कभी
कभी कहा गया इनको ये नामुराद नादानियाँ हैं

कहने को ही शायद …

रसोई की महक है, घर-घर की चहक है,
पापा की मुस्कान है, भाई का अरमान है,
माँ का दुलार है, पति का प्यार है, रिश्तों का सार है,
न मैं जानूं, न तुम जानो, तो जाने ये कौन भला फिर
खोती है जो खुद को पल-पल, छलनी है क्यों उसका आँचल
क्यों वो झेले निष्ठुर नर की नालायक मनमानियां हैं

कहने को ही शायद …

दो-दो कुलों को रोशन करती, मन के अंगना में रंग भरती
क्यों न दें जो इनका हक़ है, क्यों लियाक़त पे इनकी शक़ है
क्यों न सचमुच मान लें अब तो, नहीं बेटों से कमतर कुछ भी
परमपिता का प्रतिबिम्ब ये, भूलोक की परियां प्यारी
घर को स्वर्ग कर देने वाली मनमोहक मृदुबानियां हैं

सिर्फ कहने को नहीं, बेटियाँ हाँ बेटियाँ सचमुच बाबुल की रानियाँ हैं।

Language: Hindi
5 Likes · 645 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from उमा शर्मा
View all
You may also like:
चंद फूलों की खुशबू से कुछ नहीं होता
चंद फूलों की खुशबू से कुछ नहीं होता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुरली मनेहर कान्हा प्यारे
मुरली मनेहर कान्हा प्यारे
VINOD KUMAR CHAUHAN
कहां खो गए
कहां खो गए
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मोर
मोर
Manu Vashistha
"चुनावी साल"
*Author प्रणय प्रभात*
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
DrLakshman Jha Parimal
बिजली कड़कै
बिजली कड़कै
MSW Sunil SainiCENA
राहत।
राहत।
Taj Mohammad
दशहरा
दशहरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
श्वान
श्वान
लक्ष्मी सिंह
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
सिद्धार्थ गोरखपुरी
" जी हुजूरी का नशा"
Dr Meenu Poonia
बना एक दिन वैद्य का
बना एक दिन वैद्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
Ravi Prakash
होली
होली
Dr Archana Gupta
दुःख हरणी
दुःख हरणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आसमाँ के अनगिनत सितारों मे टिमटिमाना नहीं है मुझे,
आसमाँ के अनगिनत सितारों मे टिमटिमाना नहीं है मुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नवगीत
नवगीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दोस्त हो तो ऐसा
दोस्त हो तो ऐसा
Anamika Singh
Writing Challenge- आईना (Mirror)
Writing Challenge- आईना (Mirror)
Sahityapedia
वो ही प्रगति करता है
वो ही प्रगति करता है
gurudeenverma198
कर्बला की मिट्टी
कर्बला की मिट्टी
Paras Nath Jha
💐प्रेम कौतुक-456💐
💐प्रेम कौतुक-456💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
स्लोगन
स्लोगन
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
surenderpal vaidya
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ताजा समाचार है
ताजा समाचार है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ओस की बूँदें - नज़्म
ओस की बूँदें - नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Loading...