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26 Apr 2020 · 1 min read

((((बेचारे अरमान))))

(((((((((बेचारे अरमान)))))))))

तेरे इनकार ने मुझे इतना रुला दिया,
रो रो कर मैंने सारा समंदर भीगा दिया.

कैसी ज़िद थी तेरी जो मुझे क़बूल न कर पाई,
तेरे इस वार ने मेरा सारा अंदर हिला दिया।

हमने तो बांधे थे कितने हसीन ख़्वाब तेरे संग,
कैसा चाँद हो तुम जिसने सब एक नज़र से
जला दिया.

हमने तो गुजारिश की थी अपने प्यार की सच्चाई
लेकर तुमको,तुमने बस झूठी सी मुस्कान से दिल
पर खंजर चला दिया.

कितने बेचारे से होगये अरमान मेरे सारे,जो फूल था
एक गुलाब का मेरे हाथ मे,वो तेरे कदमों ने दबा दिया.

भीख सी मांगते रह गए हम तेरे कदमों की मिट्टी से,
आज एक आशिक़ देखो कैसे इश्क़ ने घुटनों पे ला दिया।

बेबसी नही बयां होती मुझसे अपनी,ऐ तक़दीर तूने क्यों मेरी मोहब्बत को, शुरू होने से पहले ही क़त्ल करवा दिया।

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Likes · 253 Views
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