Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2023 · 1 min read

*बुढ़ापा( हिंदी गजल/गीतिका )*

*बुढ़ापा( हिंदी गजल/गीतिका )*
———————————————-
(1)
नौजवानी से बुढ़ापा आ गया
खो दिया कुछ, या कहूँ कुछ पा गया
(2)
क्यों बुढ़ापे को न ताकतवर कहूँ
नौजवानी मारकर जो खा गया
(3)
वक्त बदला और फूलों से लदे
पेड़ पर देखो कि पतझड़ छा गया
(4)
रोग यों तो था मगर अच्छा लगा
याद से कड़वाहटें भुलवा गया
(5)
जो जवानी में नहीं थे साथ में
जब मिले अनुभव, बुढ़ापा भा गया
——————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 545 1

33 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
तुम्हारे भाव जरूर बड़े हुए है जनाब,
तुम्हारे भाव जरूर बड़े हुए है जनाब,
Umender kumar
I hide my depression,
I hide my depression,
Vandana maurya
Your heart is a Queen who runs by gesture of your mindset !
Your heart is a Queen who runs by gesture of your mindset !
Nupur Pathak
सोच बदलनी होगी
सोच बदलनी होगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चलते जाना
चलते जाना
Satish Srijan
दर्द तन्हाई मुहब्बत जो भी हो भरपूर होना चाहिए।
दर्द तन्हाई मुहब्बत जो भी हो भरपूर होना चाहिए।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कमाल करते हैं वो भी हमसे ये अनोखा रिश्ता जोड़ कर,
कमाल करते हैं वो भी हमसे ये अनोखा रिश्ता जोड़ कर,
Vishal babu (vishu)
मित्रता
मित्रता
Mahendra singh kiroula
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मुहब्बत हुयी थी
मुहब्बत हुयी थी
shabina. Naaz
मेरी कलम
मेरी कलम
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
Music and Poetry
Music and Poetry
Shivkumar Bilagrami
शब्दों से बनती है शायरी
शब्दों से बनती है शायरी
Pankaj Sen
रंगों  में   यूँ  प्रेम   को   ऐसे   डालो   यार ।
रंगों में यूँ प्रेम को ऐसे डालो यार ।
Vijay kumar Pandey
💐प्रेम कौतुक-440💐
💐प्रेम कौतुक-440💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है
हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है
Ram Krishan Rastogi
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आशिकी
आशिकी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"माँ की छवि"
Ekta chitrangini
खजुराहो
खजुराहो
Paramita Sarangi
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
दवा के ठाँव में
दवा के ठाँव में
Dr. Sunita Singh
नील पदम् NEEL PADAM
नील पदम् NEEL PADAM
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
Seema Verma
101…. छंद रत्नाकर
101…. छंद रत्नाकर
Rambali Mishra
मीठी जलेबी
मीठी जलेबी
rekha mohan
*आस्था*
*आस्था*
Dushyant Kumar
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
Arvind trivedi
बेटी की बिदाई
बेटी की बिदाई
Naresh Sagar
*सबसे मस्त नोट सौ वाला, चिंता से अनजान (गीत)*
*सबसे मस्त नोट सौ वाला, चिंता से अनजान (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...