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20 Jul 2022 · 1 min read

बुझे हुए चिराग

मेरी आँखें हैं वोह बुझे हुए चिराग,
जिसने ना कभी रोशन होना है।

मेरे ख्वाब है अब बिता हुआ कल ,
जिसने ना कभी लौट के आना है।

मेरा दिल है टुटा सा बिखरा हुआ सा,
जिसमें ना किसीका आशियाँ बनना है।

मेरी जिंदगी है एक बेरंग तस्वीर ,
जिसने ना कभी रंगीन होना है।

मेरे क़दमों ले चलो मुझे अब वहीँ,
जहाँ इस जीस्त ने तमाम होना है।

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