*बुझाने में दिया मेरा, हवा को दोष क्या देना (मुक्तक)*

*बुझाने में दिया मेरा, हवा को दोष क्या देना (मुक्तक)*
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न जाने क्यों हुई बरसात, जाने कौन से गम थे
न जाने क्यों पलक आँखों के, किसकी चोट से नम थे
बुझाने में दिया मेरा, हवा को दोष क्या देना
करीबी लोग फूँके मारने में कौन से कम थे
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश.
मोबाइल 9997615451