बुखारे इश्क

(आज खुदा ने पूछा)
तेरा हंसता चेहरा उदास क्यों है ?
तेरी आंखों में इतनी प्यास क्यों है?
जिनके पास तेरे लिए वक्त नहीं है
वही तेरे लिए इतना खास क्यों है ?
( तो मैंने खुदा से कहा )
अब किसी से बात करने का दिल ही नहीं करता,
कितना भी सोचूँ उसके बारे मे दिल ही नही भरता,
हमसे हमारे अपने रूठे से लगते हैं,
न जाने क्यों सब लोग झूठे से लगते हैं ?
मेरे बिना क्या अपनी जिंदगी खुशी से गुजार लेंगे वो ?
इश्क था उनको बुखार नहीं, जो दवा से उतार लेंगे वो ।।
@अभिषेक पांडेय (Abhi)