Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2022 · 1 min read

बिस्तर की सिलवटों में

बिस्तर की सिलवटों में

बिस्तर की सिलवटों में
क्यों ढूंढते हो मुझे।
मेरा वजूद इससे अलग और भी है।
देह से परे,सोचो कभी मुझे
झांका करो कभी मेरे अंदर
जहां रुह मेरी बेलिबास रहती है
नग्न होकर घूमती हैं ख्वाहिशें
कोई पर्दा नहीं है वहां
सब कुछ नुमाया है।

ये जो अंधेरे में
बिस्तरों में सिलवटें
पड़ती तो
पर्दा कर के
बंद कमरों में
जबरन या मजबूरी में
तब टुटता तो जरूर कुछ है अंदर
घुट जाता है दम
असंख्य कामनाओं का
इन बिस्तर की सिलवटों पर।
मां की दवाई,
बहन की पढ़ाई।
भाई की फीस
पिता ना होने की टीस
सब छुप जाता है
बिस्तर की सिलवटों में।

तुम चाहो तो बदल सकती है
ये तस्वीर।
मेरी तकदीर
मत उठाओ फायदा
मेरी मजबूरी का।
जीने दो मुझे भी
सर उठा कर
थाम कर हाथ ,चलो साथ
क्या हमें है लेना
बिस्तर की सिलवटों से।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
Tag: कविता
51 Views
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
Arvind trivedi
गीत-1 (स्वामी विवेकानंद जी)
गीत-1 (स्वामी विवेकानंद जी)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गदा हनुमान जी की
गदा हनुमान जी की
AJAY AMITABH SUMAN
बावरी बातें
बावरी बातें
Rashmi Sanjay
कविता
कविता
Rambali Mishra
:: English :::
:: English :::
Aksharjeet Ingole
कितना अंदर से
कितना अंदर से
Dr fauzia Naseem shad
Collect your efforts to through yourself on the sky .
Collect your efforts to through yourself on the sky .
Sakshi Tripathi
किस्सा मशहूर है जमाने में मेरा
किस्सा मशहूर है जमाने में मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
अब नये साल में
अब नये साल में
डॉ. शिव लहरी
अगर उठ गए ये कदम तो चलना भी जरुरी है
अगर उठ गए ये कदम तो चलना भी जरुरी है
'अशांत' शेखर
प्यार जताना न आया
प्यार जताना न आया
VINOD KUMAR CHAUHAN
"Don't be fooled by fancy appearances, for true substance li
Manisha Manjari
बदल गया मेरा मासूम दिल
बदल गया मेरा मासूम दिल
Anamika Singh
आत्म बोध की आत्मा महात्मा
आत्म बोध की आत्मा महात्मा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
इश्क मुकम्मल करके निकला
इश्क मुकम्मल करके निकला
कवि दीपक बवेजा
नारी जीवन की धारा
नारी जीवन की धारा
Buddha Prakash
चिट्ठी पहुंचे भगतसिंह के
चिट्ठी पहुंचे भगतसिंह के
Shekhar Chandra Mitra
सब छोड़कर अपने दिल की हिफाजत हम भी कर सकते है,
सब छोड़कर अपने दिल की हिफाजत हम भी कर सकते...
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
💐प्रेम कौतुक-497💐
💐प्रेम कौतुक-497💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शिव स्तुति
शिव स्तुति
Shivkumar Bilagrami
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
ज़मानें हुए जिसको देखे हुए।
ज़मानें हुए जिसको देखे हुए।
Taj Mohammad
बात क्या है जो नयन बहने लगे
बात क्या है जो नयन बहने लगे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी)
मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सफलता की आधारशिला सच्चा पुरुषार्थ
सफलता की आधारशिला सच्चा पुरुषार्थ
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
*सदा सन्मार्ग के आखिर में, अनुपम हर्ष आता है 【मुक्तक】*
*सदा सन्मार्ग के आखिर में, अनुपम हर्ष आता है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
" तेल और बाती"
Dr Meenu Poonia
सर्दी
सर्दी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...