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13 Nov 2022 · 1 min read

बिन माचिस के आग लगा देते हो

शब्दो को अधरों पर रखकर,मन का भेद खोलो।
आंखो से सुन सकता हूं,तुम आंखो से तो बोलो।।

कहना है कुछ कह दो,इशारों के जरिए कह दो।
समझता हूं सारे इशारे मै,अपनी बात कह दो।।

स्पर्श करने से मुझको, जो महक तुम्हारी आती।
वशीभूत होकर तुम भी मेरी बाहों में समा जाती।।

अंधेरे में भी हम, निशाने पर तीर लगा देते है।
बिन माचिस के भी हर जगह आग लगा देते है।।

खुशी या गम की बाते,आंसू खुद कह देते हैं।
खोलकर दिल को,मन की बाते कह देते है।।

सुनता कोई कानों से,हम आंखो से सुन लेते है।
कुछ कह कर देखो,बस इशारों से सुन लेते है।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 146 Views
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