Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2023 · 1 min read

बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है “रत्न”

चल बख्श दिए गुनाह तेरे सारेl
मुन्तज़िर हूँ,बस इक जवाब दे दे ll
मैं बावफ़ा न थी कभी ,माना l
तू गुज़रे सालो का हिसाब दे दे ll
कब से चल रहा है मुकदमा ये दिल का,
ख़तम कर,बयान चल मेरे खिलाफ दे दे ll
तेरी हकीक़तऔर सच तेरा खुदा जाने ,
मेरा तो तू खुदा था,मुझे इन्साफ दे दे ll
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है “रत्न”
मेरा दामन कर,इस दाग़ से साफ़ दे दे ll

मुन्तजिर -intzaar -प्रतीक्षा waiting for wait
बयान- गवाही,statement वक्तव्य
सजायाफ्ता- दण्डित, convicted

113 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
धड़कन धड़कन ( गीत )
धड़कन धड़कन ( गीत )
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
✍️चश्म में उठाइये ख़्वाब...
✍️चश्म में उठाइये ख़्वाब...
'अशांत' शेखर
हमारे प्यार का आलम,
हमारे प्यार का आलम,
Satish Srijan
🔥वक्त🔥
🔥वक्त🔥
सुरेश अजगल्ले"इंद्र"
पापा की बिटिया
पापा की बिटिया
Arti Bhadauria
लटक गयी डालियां
लटक गयी डालियां
ashok babu mahour
रुद्रा
रुद्रा
Utkarsh Dubey “Kokil”
मैं पुरखों के घर आया था
मैं पुरखों के घर आया था
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
"रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
Loneliness in holi
Loneliness in holi
Ankita Patel
सोशल मीडिया पर नकेल
सोशल मीडिया पर नकेल
Shekhar Chandra Mitra
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जुगनू
जुगनू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जल
जल
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
Johnny Ahmed 'क़ैस'
तंग नजरिए
तंग नजरिए
shabina. Naaz
अलविदा दिसम्बर
अलविदा दिसम्बर
Dr Archana Gupta
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
Arvind trivedi
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Roshni Prajapati
तुमसे इश्क कर रहे हैं।
तुमसे इश्क कर रहे हैं।
Taj Mohammad
* नियम *
* नियम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं ख़ुद से बे-ख़बर मुझको जमाना जो भी कहे
मैं ख़ुद से बे-ख़बर मुझको जमाना जो भी कहे
VINOD KUMAR CHAUHAN
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
Anand Kumar
■ जिसे देखो वो ही शायर
■ जिसे देखो वो ही शायर
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-271💐
💐प्रेम कौतुक-271💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रेम पर्व आया सखी
प्रेम पर्व आया सखी
लक्ष्मी सिंह
मैं डरती हूं।
मैं डरती हूं।
Dr.sima
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
Ms.Ankit Halke jha
Loading...