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15 Jan 2023 · 1 min read

बिखरा था बस..

कुतरा हुआ अंश बचा टूकड़ा था बस।
खत्म थी खुशीयां केवल दुखड़ा था बस।
गुजारे दौर ना मुकम्मल कभी गुजरे,
सम्हलने में ही हरदम बिखरा था बस।
–“प्यासा”

Language: Hindi
80 Views
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