मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
आप हमको पढ़ें, हम पढ़ें आपको
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
बन्द है दरवाजा सपने बाहर खड़े हैं
दर्द तन्हाई मुहब्बत जो भी हो भरपूर होना चाहिए।
हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
🙋बाबुल के आंगन की चिड़िया🙋
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
💐अज्ञात के प्रति-3💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
।। बुलबुले की भांति हैं ।।
चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार।
मेंटल
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"