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23 Jun 2019 · 1 min read

बाम पर बेनक़ाब बैठे हैं

करने ख़ाना खराब बैठे हैं
बाम पर बे नक़ाब बैठे हैं

वो जो चुप-चूप जनाब बैठे हैं
लेके वो इन्क़लाब बैठे हैं

कल तलक शान थे जो महफिल की
आज तन्हा जनाब बैठे हैं

कल थी शमशीर जिनके हाथों में
अब वो लेकर गुलाब बैठे हैं

मुंह में जिनके जबां न थी कल तक
आज देने जवाब बैठे हैं

मसअले कैसे उनके हल होंगे
ले के निय्यत खराब बैठे हैं

क्यूँ न मग़रूर वो रहे जिसका
करके वो इंतिखाब बैठे हैं

देश को करके खोखला आतिफ़
हम से लेने हिसाब बैठे हैं

इरशाद आतिफ़ अहमदाबाद
9173421920

1 Like · 187 Views
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