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1 Jun 2023 · 1 min read

बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ

बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
पानी को उसके रूप में लाती हैं हवाएँ

मौसम के साथ साथ बदलती हैं रूप को
रफ्तार घटाती हैं बढ़ाती हैं हवाएँ

होकर के निराकार बिना रंग बिना रूप
साकार ये जीवन को बनाती हैं हवाएँ

अच्छी हैं तो दुआ हैं बुरी हो तो मौत हैं
दुलराती कभी हैं तो सताती हैं हवाएँ

तूफान हैं गुस्से में तो हँसी में प्यार हैं
सबको सही औकात बताती हैं हवाएँ

जंगल नदी औ झरने समुन्दर के रूप में
सारी प्रकृति का रूप सजाती हैं हवाएँ

ब्रह्माण्ड महज़ है तो हवाओं के साथ है
जीवों को साँस देके जताती हैं हवाएँ

-महेन्द्र नारायण ‘महज़’

1 Like · 90 Views
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