Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2023 · 1 min read

बादल और बरसात

“सच तो बादलों की बरसात से मन का रिश्ता हमारा था।……
हां बरसने वाली, काली घटाएं बादलों के रुप से पलकों में किया तेरा सामना हर बार कुछ रिश्ता बन गया था। हम वहां न रोक पाए एक बार भी “”प्यार की जादूगरी का वो बाजीगर जो मेरे साथ रहता था। बस गीली -गीली बूंदों का एहसासों में वो रहता था।
हां झर झर बह जाते है आंखों से अश्क ” कुछ बूंदे बरस कर मेरी प्यास बढ़ा कर वो चली जाती,बस
यही तेरी मेरी सिर्फ याद बना कर चली जाती थी बदरा हां हम जलते हुए जिस्मों को जलाकर खुश हो जाती थी।
हमारी आंखों से बनकर बूंद जो बनी मोती बरस जाती थी”!.………
सच तो बदरा बादल मन की यादों में कसक सी रह जाती थी।

नीरज अग्रवाल चन्दौसी उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

57...Mut  qaarib musamman mahzuuf
57...Mut qaarib musamman mahzuuf
sushil yadav
भूख सोने नहीं देती
भूख सोने नहीं देती
Shweta Soni
"बैठे हैं महफ़िल में इसी आस में वो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
Atul "Krishn"
बस एक बार और………
बस एक बार और………
दीपक बवेजा सरल
मौसम और हम तुम.......
मौसम और हम तुम.......
Neeraj Kumar Agarwal
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
Shivam Sharma
पल्लवित प्रेम
पल्लवित प्रेम
Er.Navaneet R Shandily
*वो न भूली होगी*
*वो न भूली होगी*
Dushyant Kumar Patel
- बाप और बेटी का रिश्ता फूल और माली सा है -
- बाप और बेटी का रिश्ता फूल और माली सा है -
bharat gehlot
👌आभास👌
👌आभास👌
*प्रणय*
कविता की आलोचना में कविता
कविता की आलोचना में कविता
Dr MusafiR BaithA
कलम-दान
कलम-दान
Dr. Kishan tandon kranti
पुरुषार्थ
पुरुषार्थ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Millions of people have decided not to be sensitive. They ha
Millions of people have decided not to be sensitive. They ha
पूर्वार्थ
एक झलक
एक झलक
Dr. Upasana Pandey
तितली भी मैं
तितली भी मैं
Saraswati Bajpai
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
नेताम आर सी
मातृ पितृ पूजन दिवस
मातृ पितृ पूजन दिवस
Santosh kumar Miri
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
वादा
वादा
Rekha khichi
दोहा
दोहा
Sudhir srivastava
जन्मदिन का तोहफा**
जन्मदिन का तोहफा**
Bindesh kumar jha
24/225. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/225. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा- अभियान
दोहा- अभियान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
Kanchan Alok Malu
अपूर्ण नींद एक नशे के समान है ।
अपूर्ण नींद एक नशे के समान है ।
Rj Anand Prajapati
विषय:मैं आज़ाद हूँ।
विषय:मैं आज़ाद हूँ।
Priya princess panwar
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
Subhash Singhai
चला जाऊंगा.......
चला जाऊंगा.......
goutam shaw
Loading...