Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Mar 2023 · 1 min read

बात हमको है बतानी तो ध्यान हो !

बात हमको है बतानी तो ध्यान हो !
समय सही वक्त का अनुमान हो !@परिमल

99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं हूं आदिवासी
मैं हूं आदिवासी
नेताम आर सी
देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ था ,
देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ था ,
Rohit yadav
दूर जाकर सिर्फ यादें दे गया।
दूर जाकर सिर्फ यादें दे गया।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"तब कैसा लगा होगा?"
Dr. Kishan tandon kranti
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कवि दीपक बवेजा
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
Mahendra Narayan
संजय भाऊ!
संजय भाऊ!
*Author प्रणय प्रभात*
2266.
2266.
Dr.Khedu Bharti
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
Aryan Raj
किसी से उम्मीद
किसी से उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
*मस्तियों का आ गया मौसम, हवा में प्यार है  (हिंदी गजल/गीतिका
*मस्तियों का आ गया मौसम, हवा में प्यार है (हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
अवध से राम जाते हैं,
अवध से राम जाते हैं,
अनूप अम्बर
हम तेरे शरण में आए है।
हम तेरे शरण में आए है।
Buddha Prakash
महंगाई
महंगाई
Surinder blackpen
एक हमदर्द थी वो.........
एक हमदर्द थी वो.........
Aditya Prakash
माशूक की दुआ
माशूक की दुआ
Shekhar Chandra Mitra
यह मन
यह मन
gurudeenverma198
💐अज्ञात के प्रति-54💐
💐अज्ञात के प्रति-54💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गोर चराने का मज़ा, लहसुन चटनी साथ
गोर चराने का मज़ा, लहसुन चटनी साथ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर कभी ना माने
हर कभी ना माने
Dinesh Gupta
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
Rajesh vyas
मित्रता का बीज
मित्रता का बीज
लक्ष्मी सिंह
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
ऐ आसमां ना इतरा खुद पर
ऐ आसमां ना इतरा खुद पर
शिव प्रताप लोधी
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैं उसी पल मर जाऊंगा ,
मैं उसी पल मर जाऊंगा ,
श्याम सिंह बिष्ट
दिहाड़ी मजदूर
दिहाड़ी मजदूर
Vishnu Prasad 'panchotiya'
अब इस मुकाम पर आकर
अब इस मुकाम पर आकर
shabina. Naaz
समझदार तो मैं भी बहुत हूँ,
समझदार तो मैं भी बहुत हूँ,
डॉ. दीपक मेवाती
Loading...