Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2024 · 1 min read

बाण मां के दोहे

सुख करणी दुख हरणी, मोटी थूं महमाय।
छत्तर छांया राखजै , नमो नमो सुरराय।।

जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️

54 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अगर आप आदमी हैं तो / (नईकविता)
अगर आप आदमी हैं तो / (नईकविता)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तुम और मैं
तुम और मैं
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Love's Burden
Love's Burden
Vedha Singh
विचार
विचार
Godambari Negi
"आईना"
Dr. Kishan tandon kranti
हम गलत को गलत नहीं कहते हैं
हम गलत को गलत नहीं कहते हैं
Sonam Puneet Dubey
3426⚘ *पूर्णिका* ⚘
3426⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
गजलकार रघुनंदन किशोर
गजलकार रघुनंदन किशोर "शौक" साहब का स्मरण
Ravi Prakash
जजमैंटल
जजमैंटल
Shashi Mahajan
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
shabina. Naaz
मर्ज
मर्ज
AJAY AMITABH SUMAN
सत्य से विलग न ईश्वर है
सत्य से विलग न ईश्वर है
Udaya Narayan Singh
बरसात का मौसम सुहाना,
बरसात का मौसम सुहाना,
Vaishaligoel
किए जा सितमगर सितम मगर....
किए जा सितमगर सितम मगर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
Shashi kala vyas
पहली दफ़ा कुछ अशुद्धियाॅं रह सकती है।
पहली दफ़ा कुछ अशुद्धियाॅं रह सकती है।
Ajit Kumar "Karn"
औरत
औरत
नूरफातिमा खातून नूरी
खरगोश
खरगोश
SHAMA PARVEEN
— नारी न होती तो —
— नारी न होती तो —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
डॉक्टर रागिनी
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
मां शारदा की वंदना
मां शारदा की वंदना
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
प्रेमदास वसु सुरेखा
#ज़मीनी_सच
#ज़मीनी_सच
*प्रणय प्रभात*
मन का महाभारत
मन का महाभारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*प्रेम बूँद से जियरा भरता*
*प्रेम बूँद से जियरा भरता*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चौपई /जयकारी छंद
चौपई /जयकारी छंद
Subhash Singhai
अरदास
अरदास
Buddha Prakash
मेरे सिवा अब मुझे कुछ याद नहीं रहता,
मेरे सिवा अब मुझे कुछ याद नहीं रहता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नमाज़ों का पाबंद होकर के अपने
नमाज़ों का पाबंद होकर के अपने
Nazir Nazar
Loading...