Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2023 · 1 min read

बह रही थी जो हवा

गीत..

बह रही थी जो हवा सीधी बहकने लग गई।
वादियाँ खुशबू लिए सारी महकने लग गई।।

तुम सजाये आ गये जो केसुओं के फूल हो।
भा रहा श्रृंगार मंजुल तुम सृजन के मूल हो।।
रागिनी भी राग अपनी अब बदलने लग गई।
वादियाँ खुशबू लिए सारी महकने लग गई।।

कर रही स्वागत दिशायें बल्लरी नव रूप से।
अर्चनाएं लग गई करने शिखायें धूप से।।
सारिका हर्षित हुए उपवन विचरने लग गई।
वादियाँ खुशबू लिए सारी महकने लग गई।।

मिल गया संदेश जबसे हो रहा है आगमन।
लग गई करने धरा ये भव्यताओं का वहन।।
बालियां गोधूम की सुस्मित लहरने लग गई।
वादियाँ खुशबू लिए सारी महकने लग गई।।

लेखनी में कल्पनाएं रंग रुचि भरने लगी।
मंद मृदु मुस्कान से तरुणी हृदय हरने लगी।।
भावनाएं देखकर उनको मचलने लग गई।
वादियाँ खुशबू लिए सारी महकने लग गई।।

बह रही थी जो हवा सीधी बहकने लग गई।
वादियाँ खुशबू लिए सारी महकने लग गई।।

डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 50 Views

Books from Dr. Rajendra Singh 'Rahi'

You may also like:
तलाश है।
तलाश है।
नेताम आर सी
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
Ravi Prakash
■ ज़रूरत...
■ ज़रूरत...
*Author प्रणय प्रभात*
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
Shankar J aanjna
तेरे होकर भी।
तेरे होकर भी।
Taj Mohammad
'सरदार' पटेल
'सरदार' पटेल
Vishnu Prasad 'panchotiya'
संत साईं बाबा
संत साईं बाबा
Pravesh Shinde
जैसे जैसे उम्र गुज़रे / ज़िन्दगी का रंग उतरे
जैसे जैसे उम्र गुज़रे / ज़िन्दगी का रंग उतरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आर-पार की साँसें
आर-पार की साँसें
Dr. Sunita Singh
अद्भुत नाम
अद्भुत नाम
Satish Srijan
ज़िन्दगी मैं चाल तेरी  अब  समझती जा रही हूँ
ज़िन्दगी मैं चाल तेरी अब समझती जा रही हूँ
Dr Archana Gupta
फांसी के तख्ते से
फांसी के तख्ते से
Shekhar Chandra Mitra
होली -रमजान ,दीवाली
होली -रमजान ,दीवाली
DrLakshman Jha Parimal
बस यूं ही
बस यूं ही
MSW Sunil SainiCENA
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
Basant Bhagwan Roy
समता उसके रूप की, मिले कहीं न अन्य।
समता उसके रूप की, मिले कहीं न अन्य।
डॉ.सीमा अग्रवाल
भगवान ने जब सबको इस धरती पर समान अधिकारों का अधिकारी बनाकर भ
भगवान ने जब सबको इस धरती पर समान अधिकारों का अधिकारी बनाकर भ
Nav Lekhika
मानसिकता का प्रभाव
मानसिकता का प्रभाव
Anil chobisa
!!! हार नहीं मान लेना है !!!
!!! हार नहीं मान लेना है !!!
जगदीश लववंशी
वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती,
वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती,
डी. के. निवातिया
विद्या:कविता
विद्या:कविता
rekha mohan
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
gurudeenverma198
परोपकार का भाव
परोपकार का भाव
Buddha Prakash
भेड़ों के बाड़े में भेड़िये
भेड़ों के बाड़े में भेड़िये
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
💐प्रेम कौतुक-406💐
💐प्रेम कौतुक-406💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*अच्छी आदत रोज की*
*अच्छी आदत रोज की*
Dushyant Kumar
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
प्रेम पथिक
प्रेम पथिक
Aman Kumar Holy
विचार मंच भाग - 6
विचार मंच भाग - 6
Rohit Kaushik
Loading...