Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2022 · 1 min read

बहेलिया(मैथिली काव्य)

बहेलिया
(मैथिली काव्य)
~~°~~°~~°
बहेलिया घुमैत अछि, प्रतिपल ,
मन केऽ छिछिआउ नै।
लगौने अछि जाल,चहुंओर जेऽ ,
अहां ओहि मे फंसि जाउ नै ।

काम,क्रोध,मद लोभ के गिठह ,
जाल में ठाम ठाम अछि।
देखति अछि, जानितहुं सभ लोक ,
जाल में फंसि जायत अछि।

मोन तेऽ सदिखन अकुलाएल ,
कोना ओकरा स्थिर करब ।
बचपन से बुढापा आयत ,
बेर बेर मोनक चाहत बदलत।

साँचि मे, कि मोन मनोरथ,
कखनहुँ तऽ, ई पता करु ।
सोचब प्रभु ध्यान लगा केऽ ,
बहेलिया से सदत दूर रहू ।

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ११ /१२/२०२२
पौष, कृष्ण पक्ष,तृतीया ,रविवार
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail

3 Likes · 319 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तलाश है।
तलाश है।
नेताम आर सी
*नदी झील झरने पर्वत, सारा संसार तुम्हारा है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*नदी झील झरने पर्वत, सारा संसार तुम्हारा है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
चाहती हूं मैं
चाहती हूं मैं
Divya Mishra
Badalo ki chirti hui meri khahish
Badalo ki chirti hui meri khahish
Sakshi Tripathi
यहाँ पर सब की
यहाँ पर सब की
Dr fauzia Naseem shad
रंग अनेक है पर गुलाबी रंग मुझे बहुत भाता
रंग अनेक है पर गुलाबी रंग मुझे बहुत भाता
Seema gupta,Alwar
दोहे ( मजदूर दिवस )
दोहे ( मजदूर दिवस )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
माँ
माँ
ओंकार मिश्र
लगाये तुमको हम यह भोग,कुंवर वीर तेजाजी
लगाये तुमको हम यह भोग,कुंवर वीर तेजाजी
gurudeenverma198
जाग री सखि
जाग री सखि
Arti Bhadauria
পৃথিবীর সবচেয়ে সুন্দর মেয়েদের
পৃথিবীর সবচেয়ে সুন্দর মেয়েদের
Sakhawat Jisan
#ग़ज़ल :--
#ग़ज़ल :--
*Author प्रणय प्रभात*
प्रिय
प्रिय
D.k Math { ਧਨੇਸ਼ }
कहाँ-कहाँ नहीं ढूंढ़ा तुमको
कहाँ-कहाँ नहीं ढूंढ़ा तुमको
Ranjana Verma
कोई पत्ता कब खुशी से अपनी पेड़ से अलग हुआ है
कोई पत्ता कब खुशी से अपनी पेड़ से अलग हुआ है
कवि दीपक बवेजा
मत बनो उल्लू
मत बनो उल्लू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
umesh mehra
मातृत्व दिवस खास है,
मातृत्व दिवस खास है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
నమో సూర్య దేవా
నమో సూర్య దేవా
विजय कुमार 'विजय'
सूरज आया संदेशा लाया
सूरज आया संदेशा लाया
AMRESH KUMAR VERMA
अक्ल के दुश्मन
अक्ल के दुश्मन
Shekhar Chandra Mitra
I am not born,
I am not born,
Ankita Patel
पहाड़ का अस्तित्व - पहाड़ की नारी
पहाड़ का अस्तित्व - पहाड़ की नारी
श्याम सिंह बिष्ट
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कहानी *
कहानी *"ममता"* पार्ट-4 लेखक: राधाकिसन मूंधड़ा, सूरत।
Radhakishan Mundhra
वर्णमाला हिंदी grammer by abhijeet kumar मंडल(saifganj539 (
वर्णमाला हिंदी grammer by abhijeet kumar मंडल(saifganj539 (
Abhijeet kumar mandal (saifganj)
ऐतबार कर बैठा
ऐतबार कर बैठा
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
कोरा कागज और मेरे अहसास.....
कोरा कागज और मेरे अहसास.....
Santosh Soni
आरुष का गिटार
आरुष का गिटार
shivanshi2011
Loading...