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20 Apr 2020 · 1 min read

बहुत से गम है इस ज़माने में

बहुत से गम है इस ज़माने में
बताओ क्या क्या लिखूं मैं इस फसाने में

चाहतों का सिलसिला तुम से ही शुरू हुआ
ना चाहो तुम मुझे पर, बड़ा ही मज़ा है मेरा तुम पे मर जाने में
बताओ क्या क्या लिखूं मैं इस फसाने में

गम इस बात का नहीं कि तुम को महोब्बत नहीं मुझ से
पर कोई कसर नहीं छोडी, तुम्हारी यादों ने मुझे जिंदगी भर सताने में
बताओ क्या क्या लिखूं मैं इस फसाने में।

अपनी जुबां से तो तुम ने कभी मेरा नाम भी नहीं लिया
पर मैं तो खुदा बन ग ई तुम्हारा नाम अपने नाम के हाथ ज़ुड़ जाने से
बताओ क्या क्या लिखूं मैं इस फसाने में

तुम्हारी बात लिखूं ,तुम्हारी अदा लिखूं
बताओ क्या क्या लिखूं
बड़ा करार आता है तुम्हारी बात कर के अपना दिल ज़लाने में
बताओ क्या क्या लिखूं मैं इस फसाने में

मैंनें तो आज़ तक कुछ ज़ताया नही तुम को
पर तुम ने कोई मौका नहीं छोड़ा मुझे आज़माने मे
बताओ क्या क्या लिखूं मैं इस फसाने में

इशक की रस्में मै अकेले ही अदा करती हूं
वो कभी कम नहीं होगा तेरे आने या ना आने से
बताओ क्या क्या लिखूं मैं इस फसाने में

बहुत से गम है इस ज़माने में
बताओ क्या क्या लिखूं मैं इस फसाने में

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