Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2023 · 1 min read

बहुत सस्ती दर से कीमत लगाई उसने

बहुत सस्ती दर से कीमत लगाई उसने
कौन से बाजारों का हम हिस्सा हुए हैं !

जिन कहानी के रचयिता हुआ करते थे
उन कहानियां का ही हम किस्सा हुए हैं !!

कवि दीपक सरल

Language: Hindi
1 Like · 139 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो खूबसूरत है
वो खूबसूरत है
रोहताश वर्मा मुसाफिर
कभी गिरने नहीं देती
कभी गिरने नहीं देती
shabina. Naaz
विश्ववाद
विश्ववाद
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जिन्दगी है की अब सम्हाली ही नहीं जाती है ।
जिन्दगी है की अब सम्हाली ही नहीं जाती है ।
Buddha Prakash
वो राह देखती होगी
वो राह देखती होगी
Kavita Chouhan
आत्म बोध
आत्म बोध
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भाई बहन का रिश्ता बचपन और शादी के बाद का
भाई बहन का रिश्ता बचपन और शादी के बाद का
Rajni kapoor
पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाल
पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
सच का सूरज
सच का सूरज
Shekhar Chandra Mitra
क्षितिज के उस पार
क्षितिज के उस पार
Satish Srijan
ख़याल
ख़याल
नन्दलाल सुथार "राही"
बसंत
बसंत
नूरफातिमा खातून नूरी
मित्रता का बीज
मित्रता का बीज
लक्ष्मी सिंह
दुनियां की लिहाज़ में हर सपना टूट के बिखर जाता है
दुनियां की लिहाज़ में हर सपना टूट के बिखर जाता है
'अशांत' शेखर
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
Shashi kala vyas
*दो स्थितियां*
*दो स्थितियां*
सूर्यकांत द्विवेदी
ग़ैरत ही होती तो
ग़ैरत ही होती तो
*Author प्रणय प्रभात*
हिंदी दोहा बिषय- बेटी
हिंदी दोहा बिषय- बेटी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
💐 Prodigy Love-44💐
💐 Prodigy Love-44💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फेमस होने के खातिर ही ,
फेमस होने के खातिर ही ,
Rajesh vyas
हद
हद
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
उम्मीदें
उम्मीदें
Dr. Kishan tandon kranti
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
मनोज कर्ण
*मगर चलने में अपने पैर से ही चाल आती है (मुक्तक)*
*मगर चलने में अपने पैर से ही चाल आती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
हों कामयाबियों के किस्से कहाँ फिर...
हों कामयाबियों के किस्से कहाँ फिर...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
उसकी सौंपी हुई हर निशानी याद है,
उसकी सौंपी हुई हर निशानी याद है,
Vishal babu (vishu)
विनती सुन लो हे ! राधे
विनती सुन लो हे ! राधे
Pooja Singh
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
निश्चल छंद और विधाएँ
निश्चल छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
Loading...