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18 Aug 2022 · 1 min read

बहुत कम होता हैवो लम्हा

बहुत कम होता हैवो लम्हा

जब किस्मत हमारी जिंदगी

का दरवाजा खटखटा ती है

बहुत बार हम वो

दस्तक सुन नहीं पाते….

बहुत बार हम

सुन भी लेते हैं

मगर दरवाजा है

को खोलने में सुस्ती

से उठ कर आते हैं

तब तक बहुत देर

हो जाती है…..

क्या करे किस्मत …..से

इंतज़ार नही होता

वो तो बस लपक ने..वालो

के पास चली जाती है…..

काहिल लोग हाथ

मलते रह जाते हैं………

कुछ को उन का गुरूर

ले डूब ता है……

और कुछ को …… उन की

ग़लत सोच…………शबीनाज़
ShabinaZ: Bahut kam hota hai wo lamha
Jab qismat hamari zindagi
Ka darwaza khatkhtati hai…
Bahut baar ham wo
Dastak sun nahi pate….
Bahut baar ham
Sun bhi lete hai
Mager is darwaze
Ko kholne me susti
Se uth kar aate hai
Tab tak bahut dair
Ho jati hai…..
Kya kare qismat …..se
Intazaar nahi hota
Wo to bas lapkne walo
Ke paas chli jati hai…..
Kahil log hath
Malte rah jate hai……..
Kuch ko un ka ghurur
Le doob ta hai……
Aur kuch ko ……..un ki
Ghalat soch…………shabinaZ

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 2 Comments · 134 Views

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