*बहुजन मिशन के चरित्र*
*बहुजन मिशन के चरित्र*
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बहुत मिशनरी हमने देखे
ऐसे देखें
वैसे देखें
ये ना पूछो…… कैसे देखें।
*मुंह में है जय भीम का नारा*……..
मन के अन्दर कीचड़ गारा
दुश्मन से कब खौफ रहा है
मारा तो अपनों ने मारा
*मुंह में है जय भीम का नारा* ……..
बातें बड़ी एकता वाली
पीठ के पीछे देते गाली
वो पक्के अम्बेडकर वादी
चंदा के जो हो गये आदी
मिशन कर दिया गोबर गारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*……..
घर के बाहर बौद्ध बताते
अंदर घर में जोत जलाते
बुद्ध की वो कब माने बातें
बुद्ध वालों को खूब सताते
नफ़रत का चढ़ बोले पारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*………
दारू पी चढ़ जाते मंच पर
खूब तमाशा करें मंच पर
पत्नी अवैध साथ में रखते
पूछे कोई तो बहन बताते
धम्म को ये दे रहे सहारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*……..
मंचों पर भी तिकड़म बाजी
चमचा से बस चमचा राजी
पीछे रह गये कहने वाले
चापलूस ने जीती बाजी
इस तरहा दे रहे सहारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*…….
नारी जी भर रंग दिखाती
बढ़ते पुरूष को खूब रिझाती
जब तक ना हो मतलब पूरा
जी भर इठलाती,इतराती
संस्कारों के वंस को मारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*……..
राष्ट्र कवि कुछ चोर हो गये
मंच मिला मुंह जोर हो गये
बे मतलब का शोर हो गये
लेकिन वो गठजोड़ हो गये
मंचों की गरिमा को मारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*…….
अच्छे कुछ बदलाव नहीं है
करते अच्छे काम नहीं है
अपनों की ही खींचें टांगें
आदत से आराम नहीं है
गाते फिरें वो भाईचारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*……..
रोज़ नये संगठन बन जाते
झंडा अपना अलग बनाते
कभी एक जो हो नहीं पाते
रोज़ वहीं हमको समझाते
धींगामुश्ती बने सहारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*……..
बहुजन राजनीति भी देखो
बनती खूब पार्टीयां देखो
वोट बैंक भी टूटा देखो
हर नेता को झूंठा देखो
संविधान इन सबसे हारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*……
इसको तुम अवरोध ना जानो
इसको मेरा शोध तुम मानो
बहुत दिनों से देख रहा हूं
कैसे बोलूं सोच रहा हूं
भीम राव को तुमने मारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*……
“सागर” तुम आवाज उठाओ
झूंठो को आईना दिखलाओ
माना ये नहीं सुधरने वाले
फिर भी तुम ये गीत सुनाओ
पकड़े रहो सच का इकतारा
*मुंह में है जय भीम का नारा*……….
अपनों से करते हैं किनारा।
*मुंह में है जय भीम का नारा।।*
=======16/01/2022
*जनकवि/बेखौफ शायर*
डॉ.नरेश “सागर”
*इंटरनेशनल साहित्य अवार्ड से सम्मानित*
9149087291
*नमो बुद्धाय…… जय भीम……जय संविधान*
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