Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2023 · 1 min read

बस चार है कंधे

बस चार है कंधे चार है लोग,
बाकी के सब बेकार है लोग।
कुछ आगे है कुछ पीछे है,
मतलब के सारे यार है लोग।
….बस चार है कंधे चार है लोग,
कुछ पैदल है,कुछ गाड़ी पर
अपनी अपनी सवार है लोग।
कब्र में मुझको दफनाने को,
बैठे कबसे तैयार है लोग।
….बस चार है कंधे चार है लोग,
कुछ छूट गए है कुछ आने के,
रिश्ते के रिश्तेदार है लोग।
जब चुका ना पाए जीते जी,
आज चुका रहे उधार है लोग।
…..बस चार है कंधे चार है लोग,
वो आंसू बहाते घड़ियालों से,
मंझे हुए कलाकार है लोग।
मुझे सजा रहे दूल्हे सा,
बस आज के खिदमतदार है लोग।
….बस चार है कंधे चार है लोग,
उठा लो अर्थी जल्दी से,
खड़े कबसे इंजतार है लोग।
आंगन में थोड़ी भीड़ भाड़ है,
पर गली में खड़े हजार है लोग
….बस चार है कंधे चार है लोग,
@साहित्य गौरव

3 Likes · 257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जिसका समय पहलवान...
जिसका समय पहलवान...
Priya princess panwar
अमरत्व
अमरत्व
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
सूर्य देव के दर्शन हेतु भगवान को प्रार्थना पत्र ...
सूर्य देव के दर्शन हेतु भगवान को प्रार्थना पत्र ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
کچھ متفررق اشعار
کچھ متفررق اشعار
अरशद रसूल बदायूंनी
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
gurudeenverma198
वक्त के धारों के साथ बहना
वक्त के धारों के साथ बहना
पूर्वार्थ
इतना भी अच्छा तो नहीं
इतना भी अच्छा तो नहीं
शिव प्रताप लोधी
श्री राम !
श्री राम !
Mahesh Jain 'Jyoti'
न्याय की राह
न्याय की राह
Sagar Yadav Zakhmi
गीत- किसी बरसात-सी मुझको...
गीत- किसी बरसात-सी मुझको...
आर.एस. 'प्रीतम'
तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
Dr Archana Gupta
2989.*पूर्णिका*
2989.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
- रिश्ते व उनकी रिश्तेदारिया -
- रिश्ते व उनकी रिश्तेदारिया -
bharat gehlot
Every moment has its own saga
Every moment has its own saga
अमित
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
Ekta chitrangini
इश्क़-ए-फन में फनकार बनना हर किसी के बस की बात नहीं होती,
इश्क़-ए-फन में फनकार बनना हर किसी के बस की बात नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
छोड़ इहां के आश रे मनवा
छोड़ इहां के आश रे मनवा
Shekhar Chandra Mitra
प्रेम और आदर
प्रेम और आदर
ओंकार मिश्र
मंच पर मेरी आज की प्रस्तुति
मंच पर मेरी आज की प्रस्तुति
Seema Verma
*पहले वाले  मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
shabina. Naaz
मिटते गांव
मिटते गांव
Sanjay ' शून्य'
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
कवि रमेशराज
ज़िंदगी की जद्दोजहद
ज़िंदगी की जद्दोजहद
Davina Amar Thakral
खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,
खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,
Ajit Kumar "Karn"
Pardushan
Pardushan
ASHISH KUMAR SINGH
Loading...