Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 1 min read

बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना

कुछ बैठे दिखेंगे तुम्हें सड़क किनारे,
कुछ मिलेंगे तुम्हें रेहड़ी लगाये बेचारे,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।

इससे चंद खुशियाँ उन्हें भी मिल जाएँगी,
दिल की मुरझाई कलियां खिल जाएँगी,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।

मोल भाव मत करने लग जाना तुम,
लाभ हानि का ना हिसाब लगाना तुम,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।

उनका घर भी खुशियों से भर जायेगा,
कमाने वाला हँसता हुआ घर जायेगा,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।

तुम्हारी खरीददारी से महल नहीं बनेगा,
सिर्फ हँसी ख़ुशी के साथ त्यौहार मनेगा,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।

मिटी के दीये बनाते हैं वो इसीलिये जनाब,
त्यौहार पर पूरे करने को उनके चंद ख्वाब,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।

शॉपिंग मॉल को भूलकर ये करना तुम,
कुछ दिलों में छोटी सी ख़ुशी भरना तुम,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।

दोहरा लाभ है इस छोटी खरीददारी से,
संस्कृति बचेगी इस कोशिश हमारी से,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।

इससे विदेशों में नहीं जायेगा पैसा हमारा,
सुलक्षणा भूलेगी नहीं ये अहसान तुम्हारा,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।

©® डॉ सुलक्षणा अहलावत

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 464 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from डॉ सुलक्षणा अहलावत
View all
You may also like:
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
The_dk_poetry
” हृदय से ना जुड़ सके तो मित्र कैसे रह सकेंगे “
” हृदय से ना जुड़ सके तो मित्र कैसे रह सकेंगे “
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी के रंग
जिंदगी के रंग
shabina. Naaz
अज़ाँ दिलों की मसाजिद में हो रही है 'अनीस'
अज़ाँ दिलों की मसाजिद में हो रही है 'अनीस'
Anis Shah
"शब्दकोश में शब्द नहीं हैं, इसका वर्णन रहने दो"
Kumar Akhilesh
दर्द पन्नों पर उतारा है
दर्द पन्नों पर उतारा है
Seema 'Tu hai na'
मजबूर दिल की ये आरजू
मजबूर दिल की ये आरजू
VINOD KUMAR CHAUHAN
डोला कड़वा -
डोला कड़वा -
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वक्त।
वक्त।
Taj Mohammad
✍️समझ के परे है दुनियादारी✍️
✍️समझ के परे है दुनियादारी✍️
'अशांत' शेखर
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
gurudeenverma198
महंगाई नही बढ़ी खर्चे बढ़ गए है
महंगाई नही बढ़ी खर्चे बढ़ गए है
Ram Krishan Rastogi
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पढ़ना सीखो, बेटी
पढ़ना सीखो, बेटी
Shekhar Chandra Mitra
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
Buddha Prakash
मैं अपना गाँव छोड़कर शहर आया हूँ
मैं अपना गाँव छोड़कर शहर आया हूँ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
Kavita Chouhan
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
Nasib Sabharwal
💐💐संयमेन शक्ति: उत्पन्नं भवति💐💐
💐💐संयमेन शक्ति: उत्पन्नं भवति💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नमस्ते! रीति भारत की,
नमस्ते! रीति भारत की,
Neelam Sharma
2539.पूर्णिका
2539.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अश्रुपात्र A glass of tears भाग 10
अश्रुपात्र A glass of tears भाग 10
Dr. Meenakshi Sharma
"बेटा-बेटी"
पंकज कुमार कर्ण
लाला अमरनाथ
लाला अमरनाथ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बुलेटप्रूफ गाड़ी
बुलेटप्रूफ गाड़ी
Shivkumar Bilagrami
52 बुद्धों का दिल
52 बुद्धों का दिल
Mr. Rajesh Lathwal Chirana
■ लानत ऐसे सिस्टम पर।।
■ लानत ऐसे सिस्टम पर।।
*Author प्रणय प्रभात*
मेरा महबूब आ रहा है
मेरा महबूब आ रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जीवन रंगों से रंगा रहे
जीवन रंगों से रंगा रहे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*वेद उपनिषद रामायण,गीता में काव्य समाया है (हिंदी गजल/ गीतिक
*वेद उपनिषद रामायण,गीता में काव्य समाया है (हिंदी गजल/ गीतिक
Ravi Prakash
Loading...