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4 Aug 2021 · 1 min read

बस इतनी सी बात है

बस इतनी सी बात मेरी कि
जब तुम औऱ मै आपस मे
मिले थे पहली बार
याद आता हैं वो पल
गले मिलने की वो बात
धीमे धीमे होठो की वो मुस्कुराहट

बस इतनी सी बात मेरी कि
तुम तो चले आये थे मिलने
मेरे एक निमंत्रण पर
ओर पीछे छोड़ गए एक
प्यारा सा अहसास
दिल धड़कने का वो अहसास

बस इतनी सी बात मेरी कि
कुछ बाते जो छोड़ गए थे
मेरे लिए प्रश्न जैसे
मै खोजती रही उत्तर दर उत्तर
खंगालती रही बात दर बात
और बस उस स्पर्श का अहसास

बाद इतनी सी बात मेरी कि
साथ बैठ की थी हमने ढेर बाते
मेरे गाल के तिल को चूमना
मिलने का वादा लिए साथ हम
लौट आये अपने अपने गंतव्य
फिर से कभी मिलने के लिए

बस इतनी सी बात मेरी कि
अचानक फिर मिली मैं तुमसे
कुछ अपनेपन का अहसाह लिए
औऱ तुमने भी मेरे अंतर्मन को
स्पर्श किया प्यारे जज्बात लिए
परख कर जाना मुझे करीब से

बस इतनी दी बात मेरी कि
अब हम साथ साथ हैं
हर रोज मिलन के लिए
हर बार, बार- बार, हम साथ- साथ
धीमे धीमे ही सही पर अब
हमेशा के लिए दोनों हम दोनों

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 1 Comment · 369 Views

Books from Dr Manju Saini

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