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22 Feb 2022 · 1 min read

बसंत के गीत

कहीं तीसी फुला गइल,
कहीं मिसरी घुला गइल।
इ बसंत आवत – आवत,
हियरा जुड़ा गइल।

लीचियो के डारी मोजर,
अमवो के गाछ साजल।
कोइली विदेशी आके,
सब डार – पात नाचल।

गेंदा फुला गइल ह,
उड़हुल फुला गइल बा।
मह-मह करके सगरो,
केतकी झूला गइल बा।

मन आगु-पाछु डोले,
सब गाछ कोंढ़ियाइल।
जैसे कि जोजनगंधा,
देहिया छुआ गइल।

सरसों के फूल पियर,
मेहंदी के पात हरियर,
झूम-झूम के नाच उठल।
फागुन में ढाब -दीयर,

चंदा केहू निहारे,
केहू बन जाली चकोरी।
मन ही में मुस्काली,
नेहिया के बन नटोरी।

अँखिया में नेह ले के,
जिए जहान सारा।
सगरो बसंत झहरे,
जिनगी बने सहारा।

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
1 Like · 433 Views
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