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17 May 2023 · 1 min read

बसंत का मौसम

लाल-पीले नीले-गुलाबी, महकते फूलों का नजारा ।
बसंत का मौसम, कितना सुंदर, कितना प्यारा ।।

कोयल कुकती डालों पर, भंवरा फूलों पर मंडराता ।
पी कर वह पुष्प मधु, प्रणय का गीत गाता ॥

रोम–रोम में सिहरण भरती, मदमाती बासंती ब्यार ।
पीले वस्त्र पहन धरणी ने, कि है सोलहो श्रृंगार ॥

फुलों की बहारों से मही पर, आनंद की लहर छाई ।
सुखे हुए विटपों में भी, अब नई कोपलें फूट आई ॥

सम्मोहन में डुबी चेतना, मन हुआ भाव विभोर ।
प्रकृति कि प्रेयस भाव, मन को दे रही झकझोर ॥

मानव के कोमल मन में, प्रेम का विस्तार हुआ ।
बसंत ऋतु के आने से, नवचेतना का संचार हुआ ॥
*********

Language: Hindi
1 Like · 64 Views
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