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20 Apr 2020 · 1 min read

बलात्कार और हत्या

एक दर्द एक अपील

हवस के भेडियों ने तो हद ही करदी है
इंसानियत कि तो हत्या करके धरदी है
.
ना जाने वो बेचारी कितनी चीखी होगी
उस बेबस को कोई राह ना दीखी होगी
.
ना जाने हरामी कुत्तो ने कैसे नौचा होगा
मेरा क्या कसूर है प्रियंका ने सोचा होगा
.
जिंदा जलाई वो कैसे आग झेली होगी
ना जाने मौत के साथ कैसे खेली होगी
.
सुनके इस घटना को छाती दहल गई है
ना जाने आज ये कैसी आग फैली गई है
.
हे भगवान ना जाने तू कहां सो गया है
क्या सच में लडकी होना गुनाह हो गया है
.
क्या औरत को हक नहीं खुश रहने का
क्या औरत ने ही ठेका लिया है दर्द सहने का
.
बेटी बचाओ बेटी पढाओ नारो में जिंदा हैं
इस दर्दनाक घटना से हर मानस शर्मिंदा है
.
यहां पर कोई कुर्सी कुर्सी चिल्ला रहा है
और कोई जात मज़हब धर्म को गा रहा है
.
पर देखना एक दिन तो सत्ता भी हिलेगी
जिस दिन यहां किसी नेता की बेटी जलेगी
.
आजाद मंडौरी कहता कानून सख्त लाओ
मोदी जी इन कुत्तों को जिंदा ही जलवाओ

Language: Hindi
Tag: कविता
316 Views
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