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20 Dec 2022 · 2 min read

मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम

मातृ भूमि तुझे प्रणाम –

मातृ भूमि तुझे प्रणाम
गणतंत्र राष्ट्र तुझे सलाम।।

तेरे चरणों मे शीश झुकाते है
है मातृ भूमि तुझे प्रणाम
गणतंत्र राष्ट्र तुझे सलाम।।

तेरे मस्तक पर अपने रक्त
तिलक लगाते है।

मातृ भूमि तुझे प्रणाम
गणतंत्र राष्ट्र तुझे सलाम।।

यदि शत्रु आंख दिखाए
उसके ही रक्त से अभिषेक
तेरा हम करते है।
मातृ भूमि तुझे प्रणाम
गणतंत्र राष्ट्र तुझे सलाम।।

जननी ने जन्म दिया
छोड़ दिया तेरे आँचल में
तू जननी जन्म भूमि है
तेरी मर्यादा की रक्षा में
तेरी हम संतान अपना शीश चढ़ाते है।
मातृ भूमि तुझे प्रणाम
गणतंत्र राष्ट्र तुझे सलाम।।

तेरे ही वर्तमान का तेरा हम
अभिमान तेरे अतीत के अपमानों4
से तुझे मुक्त कर आज तेरी
पीड़ा वेदना का हिसाब हम चुकाते है।
मातृ भूमि तुझे प्रणाम
गणतंत्र राष्ट्र तुझे सलाम।।

तेरी मर्यादा में ना जाने तेरी संतानो ने
दिये कितने ही बलिदान उनके बलिदानो के उद्देश पथ को पथ हम अपना बनाते है।
मातृ भूमि तुझे प्रणाम
गणतंत्र राष्ट्र तुझे सलाम।।

बर्बरता क्रूरता ने रौंदा था तुझको
आज काल की पुकार में उनको
सबक सिखाते है।।
मातृ भूमि तुझे प्रणाम
गणतंत्र राष्ट्र तुझे सलाम।।

संकुचित सोच के तुक्ष
मनुज ने ही तेरे टुकड़े कर
डाले शायद उनको पता नही
तेरी वेदना का आज फिर वही
ताकते तुझे कर रही फिर से
लज्जित लेकर धर्म निर्पेक्षता की
आड़ करते नंगा नाच।
आस्तीन में छुपे सांपो को
अस्तित्व पराक्रम पुरुषार्थ की
बिन पर उन्हें हम नचाते है।
मातृ भूमि तुझे प्रणाम
गणतंत्र राष्ट्र तुझे सलाम।।

सर तेरा अब ना झुकने देंगे
मान तेरा ना मिटने देंगे
चाहे जो भी हो काल परिस्थिति
तेरी अक्षुण अक्षय मर्यादा को
फिर अब हम ना मिटने देंगे।
मातृ भूमि तुझे प्रणाम
गणतंत्र राष्ट्र तुझे सलाम।।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

शान तिरंगा—-

माँ भारती का अभिमान तिरंगा
भारत की गरिमा ,गौरव मान तिरंगा भारत की आन बान शान तिरंगा।।

अरमानो के आसमान में लहराता
माँ भारती की अस्मत स्वाभिमान
तिरंगा ।।

रंग बसंती चोले का प्राण तिरंगा
आजादी के दीवानो परवानो का
कर्म ,कफ़न अभिमान तिरंगा।।

गिरते, संभालते सीमाओं पर
दुश्मन से लड़ते हाथ ,हथियार तिरंगा जीने मरने की कस्मे खाता
हर जवान का मान तिरंगा।।

गज़ भर कपड़ा नहीं मातृ भूमि
महिमा ,मर्यादा का वर्तमान इतिहास तिरंगा तिरंगा।।

वन्दे मातरम् ,सत्यमेव जयते
जन गण मन का गान तिरंगा।।

जय हिन्द, हिंदी हिन्दुस्तान की
पहचान तिरंगा भारत की माटी
सम्मान तिरंगा।।

माँ भारती के वचनों की सौगंध
पल ,प्रहर ,सुबह, शाम दिन,
रात सांसे धड़कन प्राण तिरंगा।।

भरत भारती के वीर सपूतो का
धन्य धरोहर परिधान तिरंगा।।

पराक्रम ,पुरुषार्थ ,क्रांति का केशरिया निर्बाध ,विकास खुशहाली ,हरियाली हर्ष हरा ताना बाना ,प्रेम शान्ति का श्वेत विश्व बन्धुत्व का संचार संबाद प्रीति रीती रिवाज़ तिरंगा।।

भारत की संस्कृति संस्कार का
सम्यक शौर्य समाज राष्ट्र तिरंगा।।

चक्र अशोक की चौबीस तिली
समय गति काल की चाल तिरंगा।।

भरत भारत के अक्षुण ,अक्षय ,बृहद बीर ,धैर्य ,धीर का अवनि आकाश तिरंगा।।

नन्दमणि त्रिपाठी पीताम्बर

Language: Hindi
66 Views
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