Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2016 · 1 min read

बदरा

उमड़ घुमड़ बरस रये बदरा
हुलस हुलस मन बह रयो कजरा
आय रयी है याद पुरानी
मीठीसी कोई प्रीत पुरानी
अधरों पे नाचे कोई कहानी
भूल उमरिया झूमे जवानी
अंग अंग में उमंग है फूटी
अहसासों की लडी़ अनूठी
पी के दरस की प्यासी अंखियां
पल पल राह देखें भूल के सखियां
बरस रहा आज जो सावन
हुआ बावरा मन का आंगन
देख लिपट पेड़ो से लताएं
झूम झूम कर मन को जलाएं
जलन विरह की पल पल सताए
प्यास मिलन की देह को जलाए
बरस बरस और तपन बढ़ाए
कहे सजनी साजन क्यूं ना आए
झूम झूम डोले अमुवा की डाली
गाये दूर कहीं कोयल मतवाली
उमड़ घुमड़ बरस गये बदरा

नूतन

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 272 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
Neeraj Agarwal
चाँद से वार्तालाप
चाँद से वार्तालाप
Dr MusafiR BaithA
✍️किस्मत ही बदल गयी✍️
✍️किस्मत ही बदल गयी✍️
'अशांत' शेखर
*** एक दीप हर रोज रोज जले....!!! ***
*** एक दीप हर रोज रोज जले....!!! ***
VEDANTA PATEL
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
कवि दीपक बवेजा
मां जैसा ज्ञान देते
मां जैसा ज्ञान देते
Harminder Kaur
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
Manisha Manjari
किताब
किताब
Lalit Singh thakur
Revenge shayari
Revenge shayari
★ IPS KAMAL THAKUR ★
शून्य
शून्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मृत्यु या साजिश...?
मृत्यु या साजिश...?
मनोज कर्ण
नववर्ष-अभिनंदन
नववर्ष-अभिनंदन
Kanchan Khanna
!! जानें कितने !!
!! जानें कितने !!
Chunnu Lal Gupta
When the ways of this world are, but
When the ways of this world are, but
Dhriti Mishra
Kabhi kitabe pass hoti hai
Kabhi kitabe pass hoti hai
Sakshi Tripathi
बन नेक बन्दे रब के
बन नेक बन्दे रब के
Satish Srijan
एक ही तो, निशा बचा है,
एक ही तो, निशा बचा है,
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कलम कि दर्द
कलम कि दर्द
Hareram कुमार प्रीतम
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अपनी अपनी मंजिलें हैं
अपनी अपनी मंजिलें हैं
Surinder blackpen
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्या बताऍं शुगर हो गई(  हास्य व्यंग्य )
क्या बताऍं शुगर हो गई( हास्य व्यंग्य )
Ravi Prakash
Love and truth never hide...
Love and truth never hide...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
यहाँ तो सब के सब
यहाँ तो सब के सब
DrLakshman Jha Parimal
हम जिधर जाते हैं
हम जिधर जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
सपने सारे टूट चुके हैं ।
सपने सारे टूट चुके हैं ।
Arvind trivedi
💐प्रेम कौतुक-156💐
💐प्रेम कौतुक-156💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
Neelam Sharma
■ नहले पे दहला...
■ नहले पे दहला...
*Author प्रणय प्रभात*
प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...