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5 Jul 2022 · 1 min read

बढ़ती आबादी

आज काल के इस दौड़ में
बढ़ती आबादी दुर्गम गाँठ
यह रौनक इतनी बढ़ रही
लगता अनागत संकटप्रद
इसे रोकने हेतु सबों को
प्रत्यक्ष, आगे आना होगा
भविष्य को बचाना होगा ।

इसके लिए तो राजकीय भी
न किंचित कर सकती कार्य
प्रत्येक मानुष, शख्स को भी
अपने भावी, भविष्य बारे में
सोचना विवेचना होगा सबको
विपुल आबादी है निरक्षर, खर
इन आबादियों को रोकना होगा
अपने भविष्य को बचाना होगा l

बहुधा प्रांतों की आबादी
अशिक्षित है इस ख़ल्क़ में
यह भी एक दुस्साध्य बाधा
अशिक्षा के ध्येय, सबब से
उठान, उत्कष हो रही है…
हो सके तो औवल मुहज़्ज़ब
तत्पश्चात मर्दु रोकना होगा
भविष्य को बचाना होगा ।

अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 170 Views
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