Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2023 · 1 min read

*बड़े नखरों से आना, शीघ्रता रहती है जाने की (हिंदी गजल/ गीतिका)*

बड़े नखरों से आना, शीघ्रता रहती है जाने की (हिंदी गजल/ गीतिका)
_________________________
1
बड़े नखरों से आना, शीघ्रता रहती है जाने की
हमें भी पड़ गई आदत है, अब नखरे उठाने की
2
यहाँ के लोग दीवाने, यहाँ पागल ही रहते हैं
जिसे देखा नहीं, सबको है धुन उसको ही पाने की
3
अजब-सा है नशा आता, अजब-सा चैन छाता है
यही पहचान होती है, हमेशा उनके आने की
4
कभी बिजली चली जाती, कभी पानी नहीं आता
किसे गरमी के मौसम में, है फुर्सत मुस्कुराने ही
5
किसी पौधे को केवल रोपना काफी नहीं होता
असल होती जरूरत है, उसे पानी लगाने की
6
फलों को खाओगे तो, पीढ़ी-दर-पीढ़ी ये फल देंगे
नहीं अच्छी है आदत, पेड़ को ही काट खाने ही
7
लगाया पेड़ था हमने, मौहब्बत-भाईचारे का
चुनावों को है रहती फिक्र, बस उसको गिराने की
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

75 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
वफा से वफादारो को पहचानो
वफा से वफादारो को पहचानो
goutam shaw
..सुप्रभात
..सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
आज काल के नेता और उनके बेटा
आज काल के नेता और उनके बेटा
Harsh Richhariya
“ THANKS नहि श्रेष्ठ केँ प्रणाम करू “
“ THANKS नहि श्रेष्ठ केँ प्रणाम करू “
DrLakshman Jha Parimal
हे, मनुज अब तो कुछ बोल,
हे, मनुज अब तो कुछ बोल,
डी. के. निवातिया
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
इक्यावन रोमांटिक ग़ज़लें
इक्यावन रोमांटिक ग़ज़लें
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हम और तुम जैसे…..
हम और तुम जैसे…..
Rekha Drolia
फिर तुम उड़ न पाओगे
फिर तुम उड़ न पाओगे
Anamika Singh
मौन शब्द
मौन शब्द
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-223💐
💐प्रेम कौतुक-223💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गणेश है हम सबके प्यारे
गणेश है हम सबके प्यारे
Kavita Chouhan
"सुहागन की अर्थी"
Ekta chitrangini
"कल्पनाओं का बादल"
Ajit Kumar "Karn"
खिचड़ी
खिचड़ी
Satish Srijan
*पीड़ा हिंदू को हुई ,बाँटा हिंदुस्तान (कुंडलिया)*
*पीड़ा हिंदू को हुई ,बाँटा हिंदुस्तान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम है गरीब घर के बेटे
हम है गरीब घर के बेटे
Swami Ganganiya
ज़िंदगी का नशा
ज़िंदगी का नशा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
माँ की यादें
माँ की यादें
मनोज कर्ण
ऐसी थी बे'ख़याली
ऐसी थी बे'ख़याली
Dr fauzia Naseem shad
✍️यादों के पलाश में ..
✍️यादों के पलाश में ..
'अशांत' शेखर
पहला प्यार - अधूरा खाब
पहला प्यार - अधूरा खाब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2317.पूर्णिका
2317.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"टी शर्ट"
Dr Meenu Poonia
सब समझें पर्व का मर्म
सब समझें पर्व का मर्म
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सौंदर्य
सौंदर्य
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हमसाया
हमसाया
Manisha Manjari
तुमसे उम्मीद थी कि
तुमसे उम्मीद थी कि
gurudeenverma198
Loading...