*बड़ा आदमी बनना है तो, कर प्यारे घोटाला (हिंदी गजल/ गीतिका)*

बड़ा आदमी बनना है तो, कर प्यारे घोटाला (हिंदी गजल/ गीतिका)
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1
बड़ा आदमी बनना है तो, कर प्यारे घोटाला
मामा और भतीजा ले ले, सॅंग ले साली-साला
2
चलो बैंक में आदर से, इनको अन्दर बैठाओ
उजले चेहरे वाले आए, लेने कर्जा काला
3
बड़े लोग क्या ठाठ-बाट से, बैंकों में जाते हैं
उनको देने कर्ज निकलकर, आते अफसर आला
4
कर्ज बैंक से लेना शिष्टाचार भरी भाषा है
खरे-खरे शब्दों में कहिए, डाका असली डाला
5
बड़े-बड़े लोगों के, माथे पर पट्टी चिपकाओ
“बैंकों में घोटाले करके, देश लूटने वाला”
6
पता नहीं किन गद्दारों ने, इनको जमकर पाला
लिख दो इन पर, “कर्जदार बैंकों का पैसे वाला”
7
जीवन यापन हेतु कर्ज की, करें न कोई आशा
आम जनों के लिए समझिए, पड़ा बैंक में ताला
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र..)
मोबाइल 99976 15451