Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2023 · 1 min read

बटोही (कुंडलिया)

बटोही (कुंडलिया)

चला बटोही छोड़कर ,अपनी गली-मकान
उसकी केवल रह गई ,यादों में मुस्कान
यादों में मुस्कान ,अजाने पथ पर जाता
जाने कैसे लोग ,नया किस से हो नाता
कहते रवि कविराय ,सदा से है निर्मोही
सब को रोता छोड़ ,विदा हो चला बटोही

*बटोही* = यात्री ,पथिक ,रास्ते पर चलने वाला
*निर्मोही* = जिसको कोई मोह न हो

*रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा*
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

36 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
गौरी।
गौरी।
Acharya Rama Nand Mandal
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Moti ki bhi ajib kahani se , jisne bnaya isko uska koi mole
Moti ki bhi ajib kahani se , jisne bnaya isko uska koi mole
Sakshi Tripathi
तनख्वाह मिले जितनी,
तनख्वाह मिले जितनी,
Satish Srijan
ना दे खलल अब मेरी जिंदगी में
ना दे खलल अब मेरी जिंदगी में
श्याम सिंह बिष्ट
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
आर.एस. 'प्रीतम'
यूँ तो समुंदर बेवजह ही बदनाम होता है
यूँ तो समुंदर बेवजह ही बदनाम होता है
'अशांत' शेखर
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कुछ ना करना , कुछ करने से बहुत महंगा हैं
कुछ ना करना , कुछ करने से बहुत महंगा हैं
J_Kay Chhonkar
सोना छत पर अब कहॉं,पानी का छिड़काव (कुंडलिया )
सोना छत पर अब कहॉं,पानी का छिड़काव (कुंडलिया )
Ravi Prakash
तितली
तितली
Manu Vashistha
My Expressions
My Expressions
Shyam Sundar Subramanian
हो समर्पित जीत तुमको
हो समर्पित जीत तुमको
DEVESH KUMAR PANDEY
तुम्हें नमन है अमर शहीदों
तुम्हें नमन है अमर शहीदों
लालबहादुर चौरसिया 'लाल'
The Digi Begs [The Online Beggars]
The Digi Begs [The Online Beggars]
AJAY AMITABH SUMAN
कौसानी की सैर
कौसानी की सैर
नवीन जोशी 'नवल'
प्रणय 6
प्रणय 6
Ankita Patel
कातिल
कातिल
Gurdeep Saggu
यह मकर संक्रांति
यह मकर संक्रांति
gurudeenverma198
कहीं भी जाइए
कहीं भी जाइए
Ranjana Verma
मैं नारी हूँ, मैं जननी हूँ
मैं नारी हूँ, मैं जननी हूँ
Awadhesh Kumar Singh
कहार
कहार
Mahendra singh kiroula
प्रयास
प्रयास
Dr fauzia Naseem shad
अधिकांश लोग बोल कर
अधिकांश लोग बोल कर
*Author प्रणय प्रभात*
चंदा की डोली उठी
चंदा की डोली उठी
Shekhar Chandra Mitra
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
Vishal babu (vishu)
💐प्रेम कौतुक-392💐
💐प्रेम कौतुक-392💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
Parvat Singh Rajput
:: English :::
:: English :::
Aksharjeet Ingole
बेरुखी इख्तियार करते हो
बेरुखी इख्तियार करते हो
shabina. Naaz
Loading...