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7 Aug 2021 · 1 min read

बच्चों को किताबें दीजिए

वक़्त तकाज़ा यही कि
एक और इंकलाब कीजिए!
दूसरे का मुंह क्यों देखना
खुद से ही आगाज़ कीजिए!!
अगर आप नहीं चाहते कि
ये भिखारी या मवाली बनें
तो घंटा या झंडा नहीं!!
इन बच्चों को किताब दीजिए!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 149 Views
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