Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2020 · 1 min read

बचपन की कहानी

विषय= वो बीता हुआ जमाना

स्कूल की यादें जब भी आती हैं!
आंखों में नमी सी छा जाती है!!

वो सुबह उठकर नहाना, दो चोटियां बनाना!
वो पापा का बस्ता टांगना, और मां का लंच पकाना!!

“बहुत याद आता है वो बीता हुआ जमाना”

वो स्कूल पहुंचकर ईश्वर का ध्यान लगाना,!
तत्पश्चात शोर मचाते हुए कक्षाओं में आना!!
पहला पीरियड ख़तम होते ही पानी का बनाके बहाना!
साथियों से मिलने जाना!!

“बहुत याद आता है वो बीता हुआ जमाना”

वो अधूरा होमवर्क करके ले जाना!
और सबसे पुराना बहाना लगाना!!
“सर जी”! कॉपी घर रह गई आज मार ना लगाना!
और चुपके से notebook साथियों के बैग में छिपाना

“बहुत याद आता है वो बीता हुआ जमाना”

वो स्कूल की अंतिम विदाई पे ख़ुश होकर जाना,!
और दुःखी होकर वापिस घर आना,!!
वो अध्यापकों का प्यार से सहलाना और गले लगाना,!
गले लगाके कहना “बेटा हमें भूल ना जाना”!!

“बहुत याद आता है वो बीता हुआ जमाना”

वो अध्यापकों का साथ और दोस्तों का हाथ,!
कभी ना भूल पाएंगे हम ये एहसास,!!
कैसी बेफिक्र ज़िन्दगी थी जो अब रही ना पास!
वो स्कूल की याद आना और दिल का रो जाना!!

“बहुत याद आता है वो बीता हुआ जमाना”

स्कूल के वो पल आज याद आ बैठे हैं,!
आज की व्यस्त ज़िन्दगी में हम सच्चे दोस्त गवां बैठे हैं,!!
रेखा ने लिखा है!
आज दिल का फ़साना!!

“बहुत याद आता है वो बीता हुआ जमाना”!!

Language: Hindi
Tag: कविता
6 Likes · 6 Comments · 595 Views
You may also like:
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
दिनांक:-२३.०२.२३.
दिनांक:-२३.०२.२३.
Pankaj sharma Tarun
एक गजल
एक गजल
umesh mehra
दवा दे गया
दवा दे गया
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
असली नशा
असली नशा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
किसी का भाई ,किसी का जान
किसी का भाई ,किसी का जान
Nishant prakhar
चांद का पहरा
चांद का पहरा
Surinder blackpen
"रंग भरी शाम"
Dr. Kishan tandon kranti
खंड: 1
खंड: 1
Rambali Mishra
गीतिका-
गीतिका-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कब किसके पूरे हुए,  बिना संघर्ष ख्वाब।
कब किसके पूरे हुए, बिना संघर्ष ख्वाब।
जगदीश लववंशी
बेनागा एक न एक
बेनागा एक न एक
*Author प्रणय प्रभात*
समय का एक ही पल किसी के लिए सुख , किसी के लिए दुख , किसी के
समय का एक ही पल किसी के लिए सुख ,...
Seema Verma
खुदकुशी से पहले
खुदकुशी से पहले
Shekhar Chandra Mitra
गुरुकुल शिक्षा
गुरुकुल शिक्षा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मोदी जी
मोदी जी
Shivkumar Bilagrami
*जाने कैसा रंग था, मुख पर ढेर गुलाल (हास्य कुंडलिया)*
*जाने कैसा रंग था, मुख पर ढेर गुलाल (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रक्तरंजन से रणभूमि नहीं, मनभूमि यहां थर्राती है, विषाक्त शब्दों के तीरों से, जब आत्मा छलनी की जाती है।
रक्तरंजन से रणभूमि नहीं, मनभूमि यहां थर्राती है, विषाक्त शब्दों...
Manisha Manjari
. *विरोध*
. *विरोध*
Rashmi Sanjay
तू भी तो
तू भी तो
gurudeenverma198
अन्नदाता किसान कैसे हो
अन्नदाता किसान कैसे हो
नूरफातिमा खातून नूरी
मरहम नहीं बस दुआ दे दो ।
मरहम नहीं बस दुआ दे दो ।
Buddha Prakash
भूख
भूख
Sushil chauhan
✍️सिर्फ गांधी का गांधी होना पर्याप्त नहीं था...
✍️सिर्फ गांधी का गांधी होना पर्याप्त नहीं था...
'अशांत' शेखर
आईना किसी को बुरा नहीं बताता है
आईना किसी को बुरा नहीं बताता है
कवि दीपक बवेजा
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
Anis Shah
💐प्रेम कौतुक-324💐
💐प्रेम कौतुक-324💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
shabina. Naaz
Writing Challenge- दोस्ती (Friendship)
Writing Challenge- दोस्ती (Friendship)
Sahityapedia
Loading...