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30 Jan 2023 · 1 min read

बगावत का आगाज़

जो अपना दिल बहलाते हैं
सियासत के खेल-तमाशों से!
मुझे कुछ और नहीं कहना है
उन चलती-फिरती लाशों से!
जिनकी नींद नहीं खुलती है
मुहब्बत की मीठी पुकारों से!
उनका होश उड़ने वाला है
इंकलाब के तेज धमाकों से!
#हल्ला_बोल #बहुजनक्रांति
#मनुस्मृति #रामचरित_मानस
#शूद्र #स्त्री #दलित #पिछड़ा

Language: Hindi
56 Views
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