बंधन

बंधन से बंधन के धागे
बात बात पर रूठे टूटे
बंधन है तो बस पालना
सुन लोरी माँ, सो जाते।।
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बंधन से बंधन की बातें
बंधन से अंतस की बातें
बंधन से हैं स्वप्न सलोने
बंधन से तन मन की रातें।।
बंधन से है अंक मां का
बंधन से संग पिता का
बंधन से रिश्तों के फेरे
बंधन से रस्मों के मेले।
बंधन से बंधन बंधा है
बंधन से बंधन सजा है
बंधन है बेटी की पूंजी
बंधन है बेटों की कुंजी।।
बंधन से बंधक हैं रातें
बंधन से बंधक हैं सांसे
बंधन से वेधक हैं रिश्ते
बंधन से मोहक हैं किस्से।
बंधन से अभिलाषा कैसी
बंधन की परिभाषा कैसी
बंधन में बंधक जग माया
बंधन में संधक जग काया।।
बंधन में प्रभु जग सारा
बंधन में हम सब अपारा
बंधन से मुक्ति कब होई
बंधन में तृप्ति कब सोई।।
सूर्यकान्त