Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Dec 2022 · 1 min read

बंधन दो इनकार नहीं है

भटकी नौका खोया माझी मन मचला पतवार नहीं है।
चलो निमंत्रण आज दे रहा बंधन दो इनकार नहीं है।।

पड़ी फुआरें गरजे बादल दिल ने तुमको याद किया था।
नई नवेली दुल्हन सी निसि की छवि ने उनमत्त किया था।।

कसक उठी लखि इंदु प्रियतमा नैनों ने भी ज्वार उठाया।
खोजा तुमको ढूंढ न पाया गाया मैंने राग विरह का।।

पथ भी बीहड़ लंबी राहें मुझको तेरा पता नहीं है।
चलो निमंत्रण आज दे रहा बंधन दो इनकार नही है।।

शीतल उनमत्त पवन चलता अंबर मे भी तारे खिलते।
अंबर में खोये मधु प्रेमी मधु पीने को आतुर रहते।।

चकवी तरसी चकवा रोया अब रात दे रही उनको बंधन।
निशि की उनमत्त पवन मलयज देती है उसको आज तपन।।

आ रही भावना दिल में है कविता लिखता पर साज नहीं है।
चलो निमंत्रण आज दे रहा बंधन दो इनकार नहीं है।।

1 Like · 183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Dr. Girish Chandra Agarwal
View all
You may also like:
*धर्मप्राण श्री किशोरी लाल चॉंदीवाले : शत-शत नमन*
*धर्मप्राण श्री किशोरी लाल चॉंदीवाले : शत-शत नमन*
Ravi Prakash
आप  की  मुख्तसिर  सी  मुहब्बत
आप की मुख्तसिर सी मुहब्बत
shabina. Naaz
✍️बसेरा✍️
✍️बसेरा✍️
'अशांत' शेखर
अब तो सूर्योदय है।
अब तो सूर्योदय है।
Varun Singh Gautam
एक अजब सा सन्नाटा है
एक अजब सा सन्नाटा है
लक्ष्मी सिंह
तुम विद्रोह कब करोगी?
तुम विद्रोह कब करोगी?
Shekhar Chandra Mitra
आज की नारी हूँ
आज की नारी हूँ
Anamika Singh
मेरे पापा आज तुम लोरी सुना दो
मेरे पापा आज तुम लोरी सुना दो
Satish Srijan
■ व्हीआईपी कल्चर तो प्रधान सेवक जी ने ख़त्म करा दिया था ना...
■ व्हीआईपी कल्चर तो प्रधान सेवक जी ने ख़त्म करा दिया था ना...
*Author प्रणय प्रभात*
The Earth Moves
The Earth Moves
Buddha Prakash
जीने के तकाज़े हैं
जीने के तकाज़े हैं
Dr fauzia Naseem shad
ये जो नखरें हमारी ज़िंदगी करने लगीं हैं..!
ये जो नखरें हमारी ज़िंदगी करने लगीं हैं..!
Hitanshu singh
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
Neeraj Agarwal
पुलिस की ट्रेनिंग
पुलिस की ट्रेनिंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोस्ती गहरी रही
दोस्ती गहरी रही
Rashmi Sanjay
💐अज्ञात के प्रति-64💐
💐अज्ञात के प्रति-64💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Bhut khilliya udwa  li khud ki gairo se ,
Bhut khilliya udwa li khud ki gairo se ,
Sakshi Tripathi
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
Harminder Kaur
अभिव्यक्ति की सामरिकता - भाग 05 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति की सामरिकता - भाग 05 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
प्रणय 3
प्रणय 3
Ankita Patel
चंदा तुम मेरे घर आना
चंदा तुम मेरे घर आना
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
"छठ की बात"
पंकज कुमार कर्ण
परिवर्तन विकास बेशुमार🧭🛶🚀🚁
परिवर्तन विकास बेशुमार🧭🛶🚀🚁
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Writing Challenge- रहस्य (Mystery)
Writing Challenge- रहस्य (Mystery)
Sahityapedia
आज अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
आज अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
Taj Mohammad
प्रेम
प्रेम
श्याम सिंह बिष्ट
“ सभक शुभकामना बारी -बारी सँ लिय ,आभार व्यक्त करबा बेर नागड़ि अपन झाड़ि लिय ”
“ सभक शुभकामना बारी -बारी सँ लिय ,आभार व्यक्त करबा बेर नागड़ि अपन झाड़ि लिय ”
DrLakshman Jha Parimal
मुस्कुराना चाहते हो
मुस्कुराना चाहते हो
surenderpal vaidya
वासना और करुणा
वासना और करुणा
मनोज कर्ण
पिता
पिता
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...