तारीफ़ क्या करू तुम्हारे शबाब की
Ram Krishan Rastogi
अनुपम माँ का स्नेह
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश
ओनिका सेतिया 'अनु '
कृतिकार पं बृजेश कुमार नायक की कृति /खंड काव्य/शोधपरक ग्रंथ...
Pt. Brajesh Kumar Nayak
लाल में तुम ग़ुलाब लगती हो
D.k Math { ਧਨੇਸ਼ }
I could still touch your soul every time it rains.
Manisha Manjari
वह मुझे याद आती रही रात भर।
Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
समय की गर्दिशें चेहरा बिगाड़ देती हैं
Dr fauzia Naseem shad