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21 Jan 2023 · 1 min read

फूली सरसों…

सुदूर गगन की छाँव
प्रीत पैंजनिया पाँव
इठला इठला नर्तन
झूमी सरसों वन वन

धूप से आँख मिचोली
मेड़ों पर हंसी ठिठोली
अलसी संग हिल हिल
कानाफूसी मिल मिल

कनक कुंदन आभूषण
मलयानिल आलिंगन
परिमल प्रमत्त पात पात
पीत पीत पुष्पित गात

अलि कली कोयल बाराती
पलाश हाथ सिंदूर पाती
सोहे मंजरियों का सेहरा
द्वार लगा बर बसंत बावरा

यौवन की देहरी खड़ी
सरसों बाबुल से लड़ी
क्यूँ कर किए हाथ पीले
इतनी जल्दी क्या पड़ी

रेखांकन।रेखा

Language: Hindi
59 Views
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